
पॉलिटिकल डेस्क।
वर्तमान में देश में 17 वीं लोकसभा के लिए उत्सव का माहौल है। महिलाओं को हर जगह आगे बढ़ाने की बात की जा रही है। लेकिन देश की दो बड़ी राजनैतिक पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने लोकसभा के टिकटों में महिलाओं को बराबरी का हक नहीं दिया। अब बात करते हैं बुंदेलखंड की।
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में लोकसभा की चार सीटें आती हैं जिसमें 7 जिले आते हैं। अगर झाँसी लोकसभा को छोड़ दें तो बकाया की तीन लोकसभा सीटों हमीरपुर, जालौन, बाँदा में आजादी के बाद से आज तक केवल पुरुषों को ही सांसद बनकर देश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुँचने का अवसर मिला है। यहाँ से कभी भी महिलाओं को साँसद बनकर संसद जाने का मौका नहीं मिला।
इसके पहले झाँसी से दो महिलाएं 16 वीं लोकसभा में उमाभारती और इसके पहले बेनी बाई सांसद बनकर संसद पहुँचने में कामयाब रही हैं। बकाया बुंदेलखंड में महिलाओं को पार्टियों ने ये मौका न के बराबर ही दिया है। इसके पीछे की यह भी एक बड़ी सच्चाई है कि यहाँ महिलाओं की राजनैतिक पार्टियों में भागीदारी भी कम है। इस बार भी बुंदेलखंड में किसी भी पार्टी से कोई भी महिला उम्मीदवार मैदान में नहीं है। क्या कभी इन सीटों से भी महिलाएं चुनकर देश की संसद पहुचेंगी ये आने वाला समय ही तय करेगा।
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