स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। इन दिनों पाकिस्तान की हालत काफी ख़राब चल रही है। पाकिस्तान में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। पहले से ही संकट का सामना कर रहे पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के लिए महंगाई मुश्किलें पैदा कर सकती है। मार्च में महंगाई बढ़कर 9.41 फीसद हो गई, जो नवंबर 2013 के बाद से सबसे अधिक है।
खाने पीने के सामान की कीमतों में वृद्धि के साथ ईंधन और परिवहन लागत में हुआ भारी इजाफा पाकिस्तानी नागरिकों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। महंगाई को काबू में करने के लिए पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में 50 फीसद का इजाफा करते हुए इसे 10.75 फीसद कर दिया है, जिसकी वजह से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई है।

पाकिस्तान की लोकल मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो आर्थिक हालत की वजह से कुछ कंपनियों ने अपना कारोबार समेटने का भी फैसला लिया है। वहीं आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान को बढ़ते राजकोषीय घाटे और चालू खाता घाटे का भी सामना करना पड़ रहा है।
बेल आउट पैकेज की कोशिश में पाक
अर्थव्यवस्था को डिफॉल्ट से बचाने के लिए पाकिस्तानी सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेल आउट की मांग कर रही है। अगर आईएमएफ से पाकिस्तान को राहत मिलती है, तो 1980 के बाद से यह तेरहवां बेल आउट पैकेज होगा। गौरतलब है कि इमरान खान सउदी अरब, यूएई और चीन से 8 अरब डॉलर का कर्ज लेने में सफल रहे हैं। इसके अलावा रियाद और यूएई के 3-3 अरब डॉलर के कर्ज के भुगतान में भी उन्हें राहत मिली है।
100 रुपये बिक रहा पेट्रोल
पाकिस्तान में रुपये की कमजोर हालत की वजह से ईंधन की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है। रविवार की वृद्धि के बाद पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत करीब 99 रुपये हो चुकी है। गौरतलब है कि पिछले एक साल में पाकिस्तानी करेंसी रुपये में करीब 25 फीसद से अधिक की गिरावट आई है।
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