पॉलिटिकल डेस्क
रानी लक्ष्मी बाई की झांसी अपने गौरवमयी इतिहास के कारण प्रसिद्ध है। वीरता-त्याग और आत्मम्मान का पर्याय झांसी उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 46वें नंबर की सीट है। झांसी भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है। यह शहर उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है और बुंदेलखंड क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। झांसी एक प्रमुख रेल एवं सड़क केन्द्र है और झासी जिले का प्रशासनिक केन्द्र भी है। झांसी शहर पत्थर निर्मित किले के चारों तरफ फैला हुआ है । यह किला शहर के मध्य स्थित बंगरा नामक पहाड़ी पर निर्मित है।

आबादी/शिक्षा
2011 की जनगणना के अनुसार झांसी की आबादी 507,293 है। झांसी की 91 प्रतिशत आबादी हिंदू और 7 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम है। झांसी की साक्षरता दर 83.02 प्रतिशत है। इस लोकसभा में उत्तर प्रदेश विधानसभा की पांच सीटें आती हैं, जिनके नाम हैं बबीना, ललितपुर, झांसी नगर, महरौनी और मऊरानीपुर, जिनमें से महरौनी और मऊरानीपुर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। वर्तमान में झांसी के मतदाताओं की कुल संख्या 1,932,052 है जिनमें महिला मतदाता 897,888 और पुरुष मतदाता की कुल संख्या 1,034,112 है।
राजनीतिक घटनाक्रम

झांसी में हुए सोलह लोकसभा चुनाव में 9 बार कांग्रेस, पांच बार भारतीय जनता पार्टी और एक-एक बार भारतीय लोकदल व समाजवादी पार्टी ने अपना परचम लहराया है। इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी अब तक अपना खाता नहीं खोल सकी है। झांसी-ललितपुर सीट से 1952 से 1971 तक लगातार कांग्रेस विजयी रही है। 1977 में भारतीय लोकदल इस सीट पर कब्जा जमाने में कामयाब रही लेकिन अगले ही चुनाव में इस सीट पर फिर से कांग्रेस का कब्जा हो गया। 1980 और 1984 में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा लेकिन 1989 में बीजेपी ने अपना खाता खोला। 1991 के चुनाव में बीजेपी इस सीट को बचाने में कामयाब रही लेकिन अगले चुनाव में इस सीट पर बसपा का कब्जा हो गया। 1998 में बीजेपी ने फिर वापसी की लेकिन 1999 में कांग्रेस के हाथों उसे हार का मुंह देखना पड़ा। जहां 2004 में सपा ने इस सीट पर विजय पताका फहराया वहीं 2009 में कांग्रेस ने। 2014 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी ने कब्जा जमाया।
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