
डेस्क। होली आते ही बाजारों में रंगीन चिप्स-पापड़ बिकना शुरू हो गए हैं। ये खाद्य पदार्थ होली पर बाजार की सुंदरता बढ़ाते हैं लेकिन मिलावटखोर इन्हीं की आड़ में लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।

मिलावटखोर चुर्री, पापड़, चिप्स, नमकीन को आकर्षित बनाने के लिए उसमें रंग डाल रहे हैं, जिसे खाने से आपकी सेहत बिगड़ सकती है। इसमें मिलाया जाने वाला रंग सिंथेटिक होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

लाल, नीले, पीले रंगों में खूबसूरत दिखने वाले चिप्स-पापड़ में इस्तेमाल होने वाले खतरनाक रंग पैंक्रियाज का कैंसर बढ़ा रहे हैं। वहीं, इन्हें खाने के बाद गैस, बदहजमी जैसी दिक्कतें भी हो रही हैं।
लिवर, पैंक्रियाज के कैंसर का खतरा
खाद्य पदार्थो द्वारा अधिक मात्रा में शरीर में रंग जाने से लिवर, पैंक्रियाज और कोलन का कैंसर हो सकता है। रंग, खाने के मॉलीक्यूल्स के साथ आहार नली से होते हुए लिवर, गुर्दे में पहुंचकर टॉक्सिन्स का काम करते हैं। रंग लिवर एंजाइम, डीएनए, आरएनए तक में दिक्कत कर सकता है। क्योंकि यह आहार नलिका से लिवर, अग्नाश्य के बाद खून में मिल जाता है, जिससे सभी अंगों में पहुंच जाता है।
रंगों का इस्तेमाल
बाजार में इस समय बिक रहे पापड़, चिप्स, कचरी, चोंगल, चाइनीज फ्रायमस, रंगीन साबूदाना के पापड़ों में से 90 फीसदी उत्पादों में खतरनाक रंगों का इस्तेमाल किया गया है।
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