लखनऊ। काले धन की सूचना पर सुल्तानपुर के कोयला कारोबारी अंकित अग्रहरि के फ्लैट पर पहुंची गोसाईंगंज पुलिस की नीयत खराब हो गई। पुलिस ने कारोबारी और उसके साथियों को पीटकर 1.85 करोड़ रुपये लूट लिये। 1.53 करोड़ रुपये के साथ कारोबारी व उसके साथियों को थाने ले गए। इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी घटना के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश के डीजीपी को हटाने की मांग की है। हालांकि एसएसपी ने उन आरोपी पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है।
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पुलिस का कोयला कारोबारी के घर डाका, दो दरोगा गिरफ्तार, पांच पर केस
लूट की सूचना मिलने पर अफसरों ने क्राइम ब्रांच की टीम को भेजा जिसने पुलिसकर्मियों के आवास से लूट के 36 लाख रुपये बरामद कर लिए। इसके बाद अंकित की तरफ से दरोगा आशीष तिवारी और पवन मिश्रा और अज्ञात पुलिसकर्मियों समेत सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया। दरोगा आशीष तिवारी और पवन मिश्रा को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया। अन्य की तलाश की जा रही है।
जानकारी के अनुसार फ्लैट में कारोबारी अंकित अपने सहयोगी सचिन कटारे, अश्वनी पांडेय, कुलदीप यादव, जितेंद्र तोमर, अभिषेक सिंह, अभिषेक वर्मा व शुभम गुप्ता के साथ था। उसने बताया कि दरवाजा खटखटाया गया। पूछने पर अपार्टमेंट के चौकीदार ने अपना नाम बताया तो अंकित ने दरवाजा खोल दिया। चौकीदार के पीछे ही सात लोग भीतर घुस आए जिसमें से दो ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। सभी ने असलहे निकालकर तान दिए और गोली मारने की धमकी दी। इस बीच पुलिसकर्मी बेड का बॉक्स खोलकर उसमें रखे रुपये झोलों में भरने लगे।
अंकित और उसके साथियों ने रोकने की कोशिश की तो लात-घूसों से पीटा। झोलों में रुपये भरने के बाद पुलिसकर्मी और उनके साथियों ने अंकित व उसके सहयोगियों को पकड़ लिया। बाकी बचे 1.53 करोड़ रुपये के साथ सभी को गोसाईंगंज थाना ले जाया गया। यहां पकड़े गए लोगों और ब्लैकमनी पर कार्रवाई को लेकर पंचायत चलती रही।
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मैसेज वायरल कर लूटनी चाही वाहवाही
लुटेरे पुलिसकर्मियों ने सोशल मीडिया पर फ्लैट से ब्लैकमनी समेत कारोबारियों के पकड़े जाने का मैसेज वायरल कर वाहवाही लूटने की कोशिश की लेकिन उनका झूठ ज्यादा देर टिक न सका। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच की टीम भेजी तो पुलिसकर्मियों की साजिश का खुलासा हो गया।