नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले के बाद सरकार पर कड़े कदम उठाने का दबाव बढऩे लगा है। पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि सीआरपीएफ जवानों शहादत का बदला लिया जायेगा। पीएम इन दिनों लोकसभा चुनाव की तैयारी में भले ही लगे हो लेकिन उनका सारा ध्यान इस घटना पर लगा हुआ है। उन्होंने साफ कर दिया है इसके लिए पाकिस्तान को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेंगी। पीएम के कड़ा रूख अब देखने को मिल रहा है। पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए भारत ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिये है लेकिन रविवार को भारत ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए कश्मीर के अलगाववादी नेता मिरवाइज उमर फारूक, अब्दुल गनी भट्ट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी एवं शब्बीर शाह की सुरक्षा वापस लेने का आदेश जारी कर दिया है। यह जानकारी गृह मंत्रालय के सूत्रों ने दी है। जानकारी के मुताबिक इन सभी नेताओं की सुरक्षा व सुरक्षा बल की ओर से दी गई गाडयि़ां आज(रविवार) शाम तक वापस ले ली जाएगी। इसके साथ केंद्र ने साफ कर दिया है घाटी में किसी अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा नहीं देगा।

सरकार ने क्यो उठाया कदम
पुलवामा में 40 जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल देखने को मिल रहा है। इसके बाद ये आवाज भी उठने लगी थी कि अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ली जाये। इन इन अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है। सरकार ने आखिरकार बड़ा कदम उठाते हुए अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस लेने का फैसला कर लिया है।
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