जुबिली न्यूज डेस्क
आजकल ऑरेंज जूस (Orange Juice) एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह ब्रेकफास्ट ट्रेंड नहीं बल्कि वैज्ञानिक रिसर्च है। हालिया अध्ययनों के अनुसार, 100 प्रतिशत ऑरेंज जूस को अब सिर्फ मीठा ड्रिंक नहीं माना जा रहा, बल्कि सही मात्रा में लेने पर इसके कई स्वास्थ्य लाभ सामने आए हैं।अगर आप अब तक इसे सिर्फ जूस समझते थे, तो हो सकता है कि आप इसके अहम फायदों से अनजान हों।

ऑरेंज जूस और एंटीऑक्सीडेंट्स का असर
ऑरेंज जूस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स को लेकर वैज्ञानिकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है।
न्यूट्रिशन जनरल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, ऑरेंज जूस का सेवन
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ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस
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और सूजन (Inflammation)
से जुड़े मार्कर्स को कम कर सकता है।
इसमें मौजूद विटामिन C, कैरोटेनॉइड्स और फ्लैवोनॉइड्स फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रल करने और इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करने में मदद करते हैं।
हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद
ऑरेंज जूस का असर दिल की सेहत पर भी देखा गया है।
Critical Reviews in Food Science and Nutrition में प्रकाशित एक मेटा-एनालिसिस के मुताबिक, नियमित रूप से सीमित मात्रा में ऑरेंज जूस पीने से
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ब्लड लिपिड प्रोफाइल
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और सूजन से जुड़े कुछ हार्ट रिस्क फैक्टर्स
में सुधार हो सकता है।
ब्लड प्रेशर पर असर डाल सकता है
ऑरेंज जूस में पाया जाने वाला हेस्पेरिडिन नाम का फ्लैवोनॉइड
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ब्लड वेसल्स के फंक्शन को बेहतर बनाता है
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और कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर को हल्का कम करने से जुड़ा पाया गया है।
यह तत्व हार्ट और सर्कुलेशन हेल्थ के लिए अहम माना जाता है।

ब्रेन हेल्थ के लिए भी फायदेमंद
ऑरेंज जूस में मौजूद फ्लैवोनॉइड्स जैसे हेस्पेरिडिन और नारिंजेनिन पर ब्रेन हेल्थ को लेकर भी रिसर्च हुई है।
स्टडी के अनुसार ये कंपाउंड
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दिमाग तक पहुंच सकते हैं
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ब्लड फ्लो को सपोर्ट करते हैं
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न्यूरो-इंफ्लेमेशन कम करने में मदद करते हैं
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और कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं
कितनी मात्रा में पीना है सही? एक्सपर्ट्स की सलाह
हालांकि ऑरेंज जूस के फायदे हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स इसे असीमित मात्रा में पीने की सलाह नहीं देते।
कारण यह है कि यह
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नेचुरल शुगर का कंसंट्रेटेड सोर्स है
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और साबुत फल की तुलना में इसमें फाइबर कम होता है।
एक्सपर्ट्स की सलाह:
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केवल 100% ऑरेंज जूस (बिना एडेड शुगर) चुनें
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मात्रा 120–150 मिलीलीटर तक सीमित रखें
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इसे खाने के साथ लेना बेहतर है, ताकि
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ब्लड शुगर
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और दांतों पर असर
कम पड़े
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