जुबिली न्यूज डेस्क
राज्य में नगर निगम चुनावों से पहले सियासी हलचल अपने चरम पर है। बैठकों, इंटरव्यू और सीट बंटवारे की चर्चाओं के बीच नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष और राज्य के डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार ने अचानक ऐसा कदम उठा लिया, जिसने सभी को चौंका दिया।

आज सुबह अजित पवार पुणे के बारामती हॉस्टल से बिना किसी को बताए, बिना पुलिस प्रोटेक्शन और बिना सरकारी काफिले के अकेले निकल गए। इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में एक ही सवाल गूंज रहा है—
अजित पवार आखिर गए कहां और क्यों?
अचानक अकेले निकलना बना चर्चा का विषय
आमतौर पर भारी सुरक्षा के बीच रहने वाले अजित पवार का इस तरह अकेले निकल जाना कई अटकलों को जन्म दे रहा है। न कोई आधिकारिक बयान, न कोई पूर्व सूचना—इस घटनाक्रम ने सियासी तापमान और बढ़ा दिया है।
चुनाव चिन्ह को लेकर फंसा मामला?
पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा तेज थी कि पुणे नगर निगम चुनावों में NCP के दोनों गुट (अजित पवार गुट और शरद पवार गुट) एक साथ चुनाव लड़ सकते हैं।
बताया जा रहा है कि सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तय हो चुका था, लेकिन मामला चुनाव चिन्ह पर आकर अटक गया।
सूत्रों के मुताबिक विवाद इस बात पर था कि चुनाव
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‘घड़ी’ सिंबल पर लड़ा जाए या
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‘तुरही’ सिंबल पर
इसी मुद्दे पर सहमति न बनने के बाद बातचीत बिगड़ गई।
बात बिगड़ते ही हॉस्टल से निकले अजित पवार
चर्चा है कि शरद पवार गुट से बातचीत टूटने के बाद ही अजित पवार ने बारामती हॉस्टल छोड़ दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हॉस्टल से निकलते समय उन्होंने कथित तौर पर कहा— “कोई वापस न आए”इसके बाद वे अकेले रवाना हो गए।
कहां गए अजित पवार? कई अटकलें
अजित पवार के अचानक निकलने के बाद कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
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कुछ लोग इसे पारिवारिक कारण बता रहे हैं
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वहीं कुछ का मानना है कि इसके पीछे बड़ी राजनीतिक रणनीति छिपी हो सकती है
यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अपने साले के घर गए हैं, हालांकि इस संबंध में अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
रातभर चली बैठक, सुबह बड़ा घटनाक्रम
जानकारी के मुताबिक, कल देर रात शरद पवार के नेतृत्व वाली NCP (महा विकास अघाड़ी) के साथ एक अहम बैठक हुई थी। यह बैठक करीब 4–5 घंटे तक चली। इसके कुछ ही घंटों बाद आज सुबह अजित पवार का इस तरह बिना सुरक्षा निकल जाना, कई सवाल खड़े कर रहा है।
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नगर निगम चुनाव से पहले बढ़ी सियासी बेचैनी
पुणे नगर निगम चुनावों से पहले NCP के दोनों गुटों के बीच बातचीत टूटने और अजित पवार के इस अप्रत्याशित कदम ने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। अब सबकी नजर इस पर है कि अजित पवार आगे क्या फैसला लेते हैं और इसका चुनावी समीकरणों पर क्या असर पड़ेगा।
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