जुबिली न्यूज डेस्क
पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर भले ही चीन के JF-17 थंडर फाइटर जेट को लीबिया को बेचने का दावा कर रहे हों, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि चीनी हथियारों की विश्वसनीयता पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष में चीनी सैन्य तकनीक की बड़ी विफलता सामने आई है।

कंबोडियाई सेना द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा चीनी मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) फायरिंग के दौरान ही फट गया, जिसमें 8 कंबोडियाई सैनिकों की मौत हो गई।
MLRS फायर करते ही हुआ धमाका, वीडियो वायरल
थाईलैंड-कंबोडिया जंग का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कंबोडियाई सैनिक MLRS से रॉकेट दागते हुए दिखाई दे रहे हैं। रॉकेट सिस्टम के आसपास कई सैनिक खड़े नजर आते हैं, जिनमें से एक सैनिक मोबाइल फोन से फायरिंग का वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था।
जैसे ही सिस्टम से लगातार छह रॉकेट फायर किए गए, उसके बाद अचानक पूरा लॉन्चर फट गया और उसमें आग लग गई। इस हादसे में मौके पर मौजूद कई सैनिक इसकी चपेट में आ गए।
रूस की कॉपी है चीन का PHL-81 रॉकेट सिस्टम
कंबोडियाई सेना जिस हथियार का इस्तेमाल कर रही थी, वह चीन में बना PHL-81 टाइप MLRS है।
यह असल में सोवियत संघ के मशहूर BM-21 ग्रैड मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम की कॉपी है, जिसे चीन ने 1980 के दशक में विकसित किया था।
दिलचस्प बात यह है कि भारतीय सेना भी मूल ग्रैड MLRS का इस्तेमाल करती है, जो
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20–22 सेकंड में
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40 रॉकेट दागने की क्षमता रखता है
और अब तक इसे बेहद भरोसेमंद माना गया है।
चीनी हथियारों पर फिर उठे सवाल
कंबोडिया ने जंग शुरू होने के बाद थाईलैंड के खिलाफ इन रॉकेट सिस्टम के इस्तेमाल की धमकी दी थी, लेकिन फायरिंग के दौरान हुए विस्फोट ने चीनी हथियारों और उनकी क्वालिटी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना चीनी सैन्य तकनीक की कमजोर डिजाइन, सुरक्षा मानकों और विश्वसनीयता को उजागर करती है।
JF-17 को लेकर आसिम मुनीर के दावों पर भी सवाल
हाल ही में पाकिस्तान ने लीबिया को JF-17 फाइटर जेट बेचा है, जो चीन-पाकिस्तान की संयुक्त परियोजना है।
पाकिस्तानी चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज आसिम मुनीर ने दावा किया था कि JF-17 ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय रफाल और सुखोई फाइटर जेट गिराए थे।
हालांकि,
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पाकिस्तान आज तक इसका कोई सबूत पेश नहीं कर सका
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न कोई मलबा
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न कोई फोटो या वीडियो
जिससे इन दावों की सच्चाई पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
ब्रह्मोस के सामने फेल हुआ चीनी एयर डिफेंस सिस्टम
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए चीनी HQ-9 और LY-80 एयर डिफेंस सिस्टम भारतीय एयर स्ट्राइक और ब्रह्मोस मिसाइल को न तो रोक पाए और न ही समय पर डिटेक्ट कर सके।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, चीनी सिस्टम भारतीय मिसाइलों की मौजूदगी तक को सही से पहचान नहीं पाए, काउंटर करना तो दूर की बात है।
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डिफेंस एक्सपर्ट्स की राय
रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक की घटनाएं यह दिखाती हैं कि
चीनी हथियार कागजों पर भले आधुनिक दिखें, लेकिन युद्ध की असली परीक्षा में बार-बार असफल साबित हो रहे हैं।
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