Thursday - 25 December 2025 - 7:56 PM

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हिंसा जारी, एक और युवक की मौत

  • बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा का सिलसिला जारी
  • राजबाड़ी में अमृत मंडल की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या

जुबिली स्पेशल डेस्क

ढाका/राजबाड़ी। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की एक और गंभीर घटना सामने आई है। दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद अब 29 वर्षीय अमृत मंडल उर्फ सम्राट की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह घटना राजबाड़ी जिले की है, जिसकी पुष्टि पांग्शा मॉडल पुलिस स्टेशन ने की है।

पुलिस के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने अमृत मंडल पर जबरन वसूली के आरोप लगाए थे, जिसके बाद मामला उग्र हो गया और भीड़ हिंसा में तब्दील हो गया।

पुलिस रिकॉर्ड में अमृत मंडल का नाम एक स्थानीय गिरोह के नेता के तौर पर दर्ज बताया जा रहा है, जिसका नाम ‘सम्राट वाहिनी’ है।

बांग्लादेश में एक और हिंदू युवक की हत्या, भीड़ ने सरेआम पीट-पीटकर मार डाला

इसी बीच चटगांव के पास राउजान इलाके में हिंदू परिवारों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं भी सामने आई हैं। मंगलवार को एक हिंदू परिवार का घर आग के हवाले कर दिया गया। बताया जा रहा है कि बीते पांच दिनों में राउजान इलाके में सात हिंदू परिवारों के घर जलाए जा चुके हैं। पुलिस ने इन मामलों में अब तक पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

पिछले हफ्ते भी हुई थी हत्या

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते मयमनसिंह शहर में भी भीड़ ने 28 वर्षीय हिंदू फैक्ट्री कर्मचारी दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। उन पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था।

इस घटना के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने तब कहा था कि सरकार मृतक की पत्नी, छोटे बच्चे और माता-पिता की जिम्मेदारी उठाएगी। इस मामले में पुलिस अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

हिंसा से दहशत का माहौल

लगातार हो रही हिंसा और आगजनी की घटनाओं से बांग्लादेश में भय का माहौल बना हुआ है। 12 दिसंबर को ढाका में इंकलाब मंच के नेता शरीफ उस्मान हादी को गोली मार दी गई थी, जिनकी सिंगापुर में इलाज के दौरान मौत हो गई।

उसी शाम भीड़ ने डेली स्टार और प्रथम आलो के दफ्तरों में आगजनी की। इसके अलावा छायानट और उदिची शिल्पी गोष्ठी जैसे पुराने सांस्कृतिक संगठनों के कार्यालयों को भी निशाना बनाया गया।

यूनुस के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि किसी भी आरोप या अफवाह के नाम पर हिंसा को जायज नहीं ठहराया जा सकता। वहीं, मानवाधिकार संगठन ‘ऐन ओ सलीश केंद्र’ के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक बांग्लादेश में हिंसा की घटनाओं में 184 लोगों की मौत हो चुकी है।

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