जुबिली न्यूज डेस्क
अमेरिकी पेंटागन की ताजा रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि चीन ने ताइवान के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश पर भी अपना दावा किया है और इसे अपने मुख्य हितों में शामिल बताया है। रिपोर्ट के अनुसार अरुणाचल प्रदेश, ताइवान और दक्षिण चीन सागर चीन के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन का लक्ष्य एक विश्व स्तरीय सैन्य शक्ति बनाना है, जो किसी भी संघर्ष में जीत सुनिश्चित कर सके। भारत ने हमेशा कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा।
हाल ही में अरुणाचल प्रदेश को लेकर तनाव फिर से बढ़ा है। लंदन से जापान जा रही भारतीय नागरिक प्रेमा थोंगडोक को शंघाई में 18 घंटे तक हिरासत में रखा गया। उनका पासपोर्ट चीन ने अमान्य मान लिया क्योंकि उसमें उनके जन्मस्थान के रूप में अरुणाचल प्रदेश लिखा था।
इसी तरह, एक भारतीय यूट्यूबर को भी चीन में हिरासत में लिया गया, क्योंकि उन्होंने थोंगडोक के समर्थन में बनाए गए अपने वीडियो में अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा बताया।
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बीजिंग अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत या ज़ांगनान मानता है और मैकमोहन रेखा को स्वीकार नहीं करता। 1914 में ब्रिटेन और तत्कालीन तिब्बत के बीच खींची गई इस रेखा पर चीन का विवाद लगातार जारी है।
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