जुबिली स्पेशल डेस्क
अमेरिका अपने इतिहास का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली जंगी जहाज बनाने की तैयारी में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार, 22 दिसंबर को भारी हथियारों से लैस युद्धपोतों की एक नई श्रेणी (क्लास) के निर्माण का ऐलान किया है, जिसे उनके नाम पर ‘ट्रंप क्लास’ कहा जाएगा।
इस फैसले को लेकर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि परंपरागत रूप से जंगी जहाजों के नाम उन राष्ट्रपतियों या नेताओं के नाम पर रखे जाते हैं, जो पद छोड़ चुके हों।
ट्रंप के मुताबिक, शुरुआती चरण में इस श्रेणी के दो युद्धपोत बनाए जाएंगे, लेकिन भविष्य में इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने दावा किया कि ये जहाज “दुनिया के सबसे घातक सतह युद्धपोतों में शामिल होंगे” और “अमेरिकी इतिहास के सबसे बड़े युद्धपोत” साबित होंगे।
‘ट्रंप क्लास’ युद्धपोतों की खासियत
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इन युद्धपोतों का वजन 30,000 से 40,000 टन के बीच होगा
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मिसाइलों, भारी तोपों के साथ लेजर और हाइपरसोनिक हथियारों से लैस होंगे
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समुद्र से लॉन्च होने वाली परमाणु क्षमता वाली क्रूज मिसाइल ले जाने में सक्षम होंगे
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मौजूदा अमेरिकी विध्वंसक और क्रूजर से आकार में काफी बड़े होंगे
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि ये जहाज अमेरिका के पुराने आयोवा क्लास युद्धपोतों से कुछ छोटे हो सकते हैं, जिन्हें 1990 के दशक में रिटायर कर दिया गया था।
चीन को संदेश?
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या यह कदम चीन के बढ़ते नौसैनिक प्रभाव का जवाब है, तो उन्होंने सीधे तौर पर इससे इनकार किया। ट्रंप ने कहा, “यह किसी एक देश के लिए नहीं, बल्कि हर किसी के लिए जवाब है। चीन के साथ हमारे रिश्ते अच्छे हैं।”
गौरतलब है कि नौसैनिक जहाजों की संख्या के मामले में अमेरिका इस समय चीन से पीछे है। अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई एक हालिया रिपोर्ट में चिंता जताई गई है कि चीन जिस तेजी से अपने युद्धपोतों की संख्या बढ़ा रहा है, वह अमेरिका के लिए रणनीतिक चुनौती बनता जा रहा है।
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