जुबिली न्यूज डेस्क
खुलना: बांग्लादेश में छात्र राजनीति से जुड़े नेताओं पर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। 2024 के छात्र आंदोलन के प्रमुख चेहरे उस्मान हादी की मौत के कुछ ही दिनों बाद सोमवार को एक और छात्र नेता पर जानलेवा हमला किया गया। इस ताजा घटना ने देश में पहले से जारी राजनीतिक और सामाजिक तनाव को और गहरा कर दिया है।

खुलना में छात्र नेता मोतालेब सिकदर पर गोलीबारी
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के नेता मोतालेब सिकदर को सोमवार को खुलना में गोली मारी गई।
हमलावरों ने सीधे उनके सिर को निशाना बनाया।
मोतालेब सिकदर
-
NCP के खुलना डिविजनल चीफ
-
और एनसीपी श्रमिक शक्ति के केंद्रीय आयोजक हैं।
अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर
पुलिस के मुताबिक, यह हमला सुबह करीब 11:45 बजे हुआ। गोली लगने के बाद मोतालेब सिकदर को गंभीर हालत में खुलना मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया।
सोनाडांगा मॉडल पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी अनिमेष मंडल ने बताया कि“गोली कान के एक हिस्से को छूकर बाहर निकल गई है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है और वह खतरे से बाहर हैं।”
छात्र आंदोलन से बनी पार्टी से जुड़े हैं नेता
नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) की स्थापना इसी साल 28 फरवरी को हुई थी।
यह पार्टी
-
Students Against Discrimination
-
और जातीय नागरिक समिति
के नेतृत्व में बनी और इसे बांग्लादेश की पहली छात्र-नेतृत्व वाली राजनीतिक पार्टी माना जाता है।
यह पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद अस्तित्व में आई थी।
उस्मान हादी की मौत से फैली थी देशभर में हिंसा
इससे पहले 2024 के छात्र आंदोलन के प्रमुख नेता उस्मान हादी की 18 दिसंबर 2025 को मौत हो गई थी।
वह 12 दिसंबर को ढाका में हुए एक हमले में गोली लगने से घायल हुए थे।
इलाज के लिए उन्हें
-
15 दिसंबर को एयरलिफ्ट कर
-
सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जिकल ICU में भर्ती कराया गया था,
लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
आरोपी फरार, अल्टीमेटम के बाद भी गिरफ्तारी नहीं
बांग्लादेश पुलिस का कहना है कि हादी की हत्या के मुख्य आरोपी के ठिकाने को लेकर ठोस जानकारी नहीं है।
इससे एक दिन पहले हादी की पार्टी इंकिलाब मंचा ने अंतरिम सरकार को
-
24 घंटे का अल्टीमेटम
-
और हत्यारों की गिरफ्तारी में “ठोस प्रगति”
की मांग की थी।
हादी की मौत के बाद बढ़ी हिंसा
उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश के कई हिस्सों में
-
हिंसा
-
तोड़फोड़
-
और विरोध प्रदर्शन
देखने को मिले। चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर पथराव की घटना भी सामने आई। शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच हादी को ढाका विश्वविद्यालय मस्जिद के पास, राष्ट्रीय कवि काज़ी नजरुल इस्लाम की कब्र के समीप सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
हालात पर नजर
एक के बाद एक छात्र नेताओं पर हो रहे हमलों ने बांग्लादेश में
-
कानून-व्यवस्था
-
राजनीतिक स्थिरता
-
और अंतरिम सरकार की क्षमता
पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
