नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद अनुराग ठाकुर ने गुरुवार, 11 दिसंबर 2025 को लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एक सांसद पर ई-सिगरेट पीने का आरोप लगाया।
प्रश्नकाल के दौरान ठाकुर ने अध्यक्ष ओम बिरला से पूछा कि क्या सदन में ई-सिगरेट पीना अनुमति है। जब बिरला ने इसे मना किया, तो ठाकुर ने कहा कि तृणमूल के एक सांसद पिछले कई दिनों से सदन में ई-सिगरेट का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने इस दौरान सांसद का नाम सार्वजनिक नहीं किया।
ठाकुर के आरोपों के बाद भाजपा सांसदों ने विरोध जताया, अपनी सीटों से खड़े होकर आपत्ति दर्ज कराई। कुछ समय के लिए लोकसभा में हंगामे जैसी स्थिति बनी। अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों से शांत रहने की अपील की और कहा कि संसद की मर्यादा का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में आता है तो नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
गिरिराज सिंह का बयान
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने निजी टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि ई-सिगरेट पीना स्वाभाविक रूप से गलत है। सिंह ने कहा, “अगर ऐसा काम कोई सांसद कर रहा है तो यह और भी दुर्भाग्यपूर्ण है। सार्वजनिक जीवन में बैठे लोगों को कानून का पालन करने में उदाहरण बनना चाहिए, न कि उसका उल्लंघन।”
भारत में ई-सिगरेट पूरी तरह प्रतिबंधित
भारत में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम 2019 के तहत ई-सिगरेट का निर्माण, बिक्री, आयात, वितरण, वेपिंग लिक्विड का भंडारण और प्रचार/विज्ञापन सभी अवैध हैं।
संसद परिसर में धूम्रपान सख्त वर्जित
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है और संसद भवन भी इसका हिस्सा है। सांसदों, स्टाफ और किसी भी व्यक्ति के लिए संसद परिसर में धूम्रपान पूरी तरह वर्जित है। 2015 में संसद के अंदर मौजूद स्मोकिंग रूम को बंद किए जाने पर भी विवाद हुआ था, जब कई सांसदों ने तत्कालीन अध्यक्ष से इसका विरोध किया था।
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