जुबिली न्यूज डेस्क
चेन्नई: तमिलनाडु में सत्तारूढ़ DMK न्यायाधीश जी.आर. स्वामिनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। पार्टी सांसद सोमवार से इस प्रस्ताव के समर्थन में हस्ताक्षर जुटाना शुरू कर चुके हैं।

क्या है मामला
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जस्टिस स्वामिनाथन ने सुब्रमण्यस्वामी मंदिर प्रबंधन को निर्देश दिया था कि वे दीपथून स्तंभ पर दीप जलाएं।
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आदेश के अनुसार, 3 दिसंबर को मंदिर प्रशासन ने ऊची पिल्लैयार मंदिर में दीप जलाया, लेकिन पारंपरिक दीपथून पर नहीं।
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भक्तों ने विरोध किया, जिसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
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DMK का आरोप है कि यह आदेश साम्प्रदायिक तनाव भड़का सकता है और यह 2017 के मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को पलटता है।
कार्तिगई दीपम विवाद का इतिहास
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थिरुप्परनकुंद्रम मंदिर का इतिहास छठी शताब्दी तक जाता है।
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मंदिर की ऊपरी चोटी पर दीपथून स्तंभ पर सैकड़ों साल से कार्तिगई दीपम जलाया जाता रहा है।
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17वीं शताब्दी में सिक्कंदर बदूषा दरगाह का निर्माण हुआ, जिसके बाद से विवाद शुरू हुआ।
CPM भी जस्टिस के खिलाफ
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कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने भी न्यायाधीश के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।
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CPM का आरोप है कि जस्टिस के कई आदेश धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ थे।
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पार्टी के राज्य सचिव पी. शनमुगम ने कहा कि CJI सूर्यकांत को लिखित शिकायत भेजी जाएगी, जिसमें न्यायाधीश के “गलत” फैसलों की सूची शामिल होगी।
इस विवाद के चलते DMK और CPM दोनों ने न्यायपालिका के फैसलों पर सवाल उठाते हुए उच्च स्तर पर कार्रवाई की मांग की है।
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