जुबिली न्यूज डेस्क
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब भी विदेश यात्रा पर निकलते हैं, उनके साथ सुरक्षा टीम, स्टाफ और मंत्रियों के अलावा एक पूरा ‘फूड काफिला’ (Food Convoy) भी चलता है। फर्स्टपोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन के IL-96 विमान में एक अलग कम्पार्टमेंट में रूसी त्वोरोग, रूसी आइसक्रीम, रूसी शहद और रूसी बोतलबंद पानी पैक करके लाया जाता है। यह विलासिता नहीं, बल्कि सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा है।

भारतीय शेफ के हाथ का खाना क्यों नहीं खाते पुतिन?
पुतिन हर विदेशी दौरे की तरह भारत में भी भारतीय शेफ द्वारा तैयार भोजन नहीं खाएंगे। इसका कारण किसी देश पर अविश्वास नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा एजेंसी FSO (Federal Protective Service) के बेहद कड़े नियम हैं।
● 2014 भारत दौरा
मुंबई के ताज होटल के एक पूरे फ्लोर को रूसी FSO ने अपने कब्जे में ले लिया था।
होटल के किचन से सभी भारतीय मसाले हटा दिए गए थे।
● 2018 भारत-रूस समिट
गोवा में हैदराबाद हाउस के किचन में रूसी शेफ ने अपना अलग स्टोव लगाया था।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार—
“राष्ट्रपति भवन में बिरयानी और गलौटी कबाब तैयार हुए थे, लेकिन पुतिन ने केवल अपना रूसी सलाद और त्वोरोग खाया।”
● 2022 SCO समिट
उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति ने पुतिन को पारंपरिक प्लोव खिलाना चाहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
क्रेमलिन का जवाब था—
“राष्ट्रपति के पास खास भोजन सुरक्षा नियम हैं। विदेश में हम केवल अपने प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं।”
क्या पुतिन को विदेशी शेफ्स पर भरोसा नहीं?
दरअसल, मामला भरोसे का नहीं, बल्कि अत्यधिक उच्च स्तरीय सुरक्षा प्रोटोकॉल का है।
FSO के पूर्व अधिकारी और लेखक आंद्रेई सोल्दातोव ने अपनी किताब ‘द न्यू नोबिलिटी’ में लिखा है कि:
-
2001 से ही पुतिन के साथ विदेश दौरे पर एक पोर्टेबल फूड लैब (Portable Food Laboratory) जाती है।
-
हर भोजन को स्पेक्ट्रोमीटर और अन्य रासायनिक परीक्षणों से जांचा जाता है।
-
फ्रांस के वर्साय पैलेस (2017) में भी फ्रेंच शेफ द्वारा बनाई गई डिशेज को पुतिन ने नहीं खाया।
Russia Today की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पुतिन का अधिकतर भोजन मॉस्को के बाहर एक खास सुरक्षित फार्म से आता है—
-
जहां गायों की 24 घंटे निगरानी होती है।
-
प्रोडक्ट्स की क्वालिटी, स्टोरेज और परिवहन पूरी तरह FSO के नियंत्रण में होता है।
ये भी पढ़ें-टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर निलंबित, बाबरी मस्जिद निर्माण के बयान पर बढ़ा विवाद
भारत में मेन्यू तो बनेगा, पर पुतिन शायद चखें भी नहीं
भारत में पुतिन का स्वागत करने के लिए विशेष व्यंजन जरूर तैयार होंगे,लेकिन भारतीय शेफ का हाथ का खाना शायद केवल “फोटो-सेशन की सजावट” बनकर रह जाएगा।पुतिन अपनी सुरक्षा नीति से कभी विचलित नहीं होते—वे वही खाएंगे, जो उनके ‘फूड काफिले’ से आया होगा।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
