जुबिली न्यूज डेस्क
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister’s Office) के नए परिसर का नाम बदलकर ‘सेवा तीर्थ’ कर दिया है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रहे इस नए PMO को अब ऐसे केंद्र के रूप में पेश किया जा रहा है, जहां देश से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय ‘सेवा भाव’ के साथ लिए जाएंगे।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार प्रशासनिक ढांचे को सत्ता के प्रतीक के बजाय सेवा और कर्तव्य की भावना से जोड़ना चाहती है। इसी सोच के चलते हाल के वर्षों में कई सरकारी भवनों और मार्गों के नाम बदले जा रहे हैं।
राजभवनों के भी बदले नाम
सरकार ने देशभर के राजभवनों को ‘लोक भवन’ नाम देने का निर्णय लिया है।
इससे पहले—
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प्रधानमंत्री आवास का नाम लोक कल्याण मार्ग
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दिल्ली के राजपथ का नाम कर्तव्य पथ
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और केंद्रीय सचिवालय का नाम कर्तव्य भवन
किया जा चुका है।
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नाम बदलने की वजह क्या है?
सरकार का कहना है कि ये बदलाव केवल नाम बदलने भर का काम नहीं हैं, बल्कि शासन की नई सोच का प्रतीक हैं—
✔ सेवा
✔ कर्तव्य
✔ पारदर्शिता
✔ जनता-केंद्रित प्रशासन
इन मूल्यों को सरकारी ढांचे में स्थापित करने के उद्देश्य से ये कदम उठाए गए हैं।
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