जुबिली न्यूज डेस्क
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और घोसी विधानसभा सीट से विधायक सुधाकर सिंह का रविवार को निधन हो गया। वह 60 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दो दिन पहले सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना मिलते ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव अस्पताल पहुंचे और परिजनों से मुलाक़ात कर संवेदना व्यक्त की।

घोसी उपचुनाव की जीत से आए थे सुर्खियों में
सुधाकर सिंह ने वर्ष 2023 के घोसी उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान को करीब 50 हजार वोटों से हराकर बड़ी जीत दर्ज की थी। यह जीत उन्हें सियासी सुर्खियों में ले आई थी। क्षेत्र में उनकी गहरी पकड़, जनता से जुड़ाव और बेबाकी उनकी पहचान मानी जाती थी।घोसी सीट खाली होने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें उपचुनाव का प्रत्याशी बनाया था, और सुधाकर सिंह इस भरोसे पर पूरी तरह खरे उतरे।
सपा के क़द्दावर नेताओं में शुमार
सुधाकर सिंह समाजवादी पार्टी के प्रमुख और प्रभावशाली नेताओं में से एक थे।
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1996 में उन्होंने पहली बार नत्थुपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी।
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2012 में सीट का नाम बदलकर घोसी कर दिया गया और इस चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की।
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2017 में मोदी लहर के बीच उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
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2022 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया, जिसके बाद उन्होंने खुलकर नाराज़गी जताई।
हालांकि 2023 के उपचुनाव में पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया, और उन्होंने शानदार जीत दर्ज कर विधायक बने।
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राजनीति में सरल, बेबाक और जनता से जुड़े नेता
सुधाकर सिंह को क्षेत्र में जमीन से जुड़े नेता के रूप में माना जाता था। उनकी सहजता, हाजिरजवाबी और मजबूत जनसंपर्क उन्हें आम जनता से जोड़े रखता था। पार्टी के राजनीतिज्ञों और कार्यकर्ताओं में भी उनकी अच्छी पकड़ थी। उनके निधन से सपा और पूर्वांचल की राजनीति को बड़ा नुकसान माना जा रहा है।
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