जुबिली न्यूज डेस्क
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) द्वारा फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद भारत ने इस फैसले पर सतर्क रुख अपनाया है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत ने इस फैसले को नोट किया है और बांग्लादेश के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

शांति, लोकतंत्र और स्थिरता पर जोर
भारत ने दोहराया कि एक करीबी पड़ोसी होने के नाते वह बांग्लादेश में शांति, लोकतंत्र, समावेशन और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। बयान में कहा गया कि भारत भविष्य में भी बांग्लादेश से जुड़े सभी पक्षों के साथ रचनात्मक संवाद जारी रखेगा ताकि देश में लोकतांत्रिक माहौल और स्थिरता बनी रहे।
आईसीटी ने सुनाई मौत की सजा
ICT-BD ने शेख हसीना को पिछले वर्ष जुलाई में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए सजा सुनाई। 78 वर्षीय हसीना पिछले वर्ष 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं। इससे पहले न्यायालय ने उन्हें भगोड़ा घोषित किया था।
ये भी पढ़ें-पीएनबी ने ग्राहकों से केवाईसी विवरण 30 नवंबर तक अपडेट करने का आग्रह किया
विरोध प्रदर्शनों पर घातक कार्रवाई का आरोप
ढाका के कड़े सुरक्षा वाले अदालत कक्ष में फैसला पढ़ते हुए न्यायाधिकरण ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने साबित किया कि 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों पर घातक कार्रवाई के पीछे हसीना का हाथ था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, ‘जुलाई विद्रोह’ के दौरान लगभग 1,400 लोग मारे गए। हसीना को निहत्थे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ घातक बल प्रयोग, भड़काऊ बयान देने और ढाका तथा आसपास के क्षेत्रों में छात्रों की हत्या की अनुमति देने के लिए मौत की सजा सुनाई गई है।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
