जुबिली न्यूज डेस्क
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर एक बार फिर खींचतान शुरू हो गई है। राज्य की राजनीति में चल रही अटकलों के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होंने बीते दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी। आज उनकी मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से होने की संभावना है।

सूत्रों के मुताबिक, सिद्धारमैया की यह यात्रा मुख्यमंत्री पद के पावर-शेयरिंग फॉर्मूले और लंबे समय से लंबित कैबिनेट विस्तार को लेकर हुई है। हालांकि डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार की मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं पर अभी भी असमंजस बना हुआ है।
कर्नाटक में सरकार गठन के समय यह वादा किया गया था कि पहले सिद्धारमैया और फिर डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। लेकिन इस फॉर्मूले पर कब अमल होगा, इसे लेकर पार्टी में स्पष्टता नहीं है। कैबिनेट विस्तार भी पिछले कई महीनों से लंबित है, जिसे अंतिम स्वीकृति दिलाने के लिए सिद्धारमैया दिल्ली पहुंचे हैं।
इधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने अपनी दावेदारी पर खुलकर कुछ नहीं कहा। उनका कहना है कि वे राज्य में पार्टी दफ्तरों के शिलान्यास के सिलसिले में दिल्ली आए हैं। शिवकुमार ने कहा कि वे अध्यक्ष पद छोड़ने नहीं जा रहे और पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहेंगे।
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राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर आलाकमान सिद्धारमैया को कैबिनेट फेरबदल की अनुमति दे देता है, तो इससे उनकी कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा कुछ समय के लिए टल सकता है और डीके शिवकुमार को इंतजार करना पड़ सकता है। अब निगाहें कांग्रेस हाईकमान पर हैं कि वह कर्नाटक में सत्ता संतुलन को लेकर क्या फैसला लेता है।
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