जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के लिए किसी दु:स्वप्न से कम नहीं दिख रहा है। इस बार पार्टी न केवल अपने अब तक के सबसे कमजोर प्रदर्शनों में से एक दर्ज कराने की ओर बढ़ रही है, बल्कि खुद तेजस्वी यादव की राजनीतिक स्थिति भी कठिनाई में फंसती नजर आ रही है।
तेजस्वी यादव, जो खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानकर चल रहे थे, इस समय राघोपुर सीट से बड़े अंतर से पीछे चल रहे हैं। 16वें राउंड की गिनती तक वह 9 हजार से अधिक वोटों से पिछड़ चुके हैं, जबकि यहां बीजेपी उम्मीदवार सतीश कुमार बढ़त बनाए हुए हैं।
नेता प्रतिपक्ष का पद भी संकट में
ताजा रुझानों के मुताबिक आरजेडी मात्र 24–25 सीटों पर आगे है।बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद पाने के लिए किसी भी दल के पास कम से कम 25 विधायक होना जरूरी है। ऐसे में यदि आरजेडी की सीटें 25 से कम रहीं, तो पार्टी अपने दम पर नेता प्रतिपक्ष का अधिकार भी खो सकती है।
यह प्रदर्शन 2020 की तुलना में बेहद खराब है, जब आरजेडी ने 75 सीटें जीती थीं। इस बार पार्टी का ग्राफ आधे से भी नीचे चला गया है।महागठबंधन की स्थिति भी कमजोर है। गठबंधन अभी 28 सीटों पर आगे चल रहा है, जिसमें कांग्रेस की 1 और CPI-ML की 1 सीट शामिल है।
2010 की हार का दोहराव!
आरजेडी का यह गिरता ग्राफ 2010 की याद दिलाता है, जब पार्टी ने 168 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए केवल 22 सीटें जीती थीं और नेता प्रतिपक्ष का पद भी हाथ से निकल गया था। 2025 का चुनाव भी उस
खेसारी यादव: भोजपुरी एक्टर और आरजेडी प्रत्याशी खेसारी यादव अपनी सीट से 2600 वोटों से पीछे चल रहे हैं (7वें राउंड तक)।ओसामा शहाब: अच्छी बढ़त बनाए हुए हैं; 14वें राउंड तक 18,725 वोटों से आगे।
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