जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके के बाद दोनों देश में तनाव की हवा चली है और पड़ोसी पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई है। दिल्ली धमाके के तुरंत बाद इस्लामाबाद के एक कोर्ट परिसर में भी विस्फोट हुआ, जिसकी जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने आने वाले बयानों में ली है। पाकिस्तान के शीर्ष नेता इस घटना को लेकर आरोप-प्रत्यारोप और कठोर रुख दिखा रहे हैं।

पाकिस्तान नेतृत्व ने भारत पर साधा निशाना, बयान तेज
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सुरक्षा हालात को लेकर सख्त बयान दिए हैं। ख्वाजा आसिफ ने दिल्ली धमाके को लेकर कटाक्ष में कहा कि प्रारंभ में इसे गैस सिलेंडर विस्फोट बताने की कोशिश की गई, लेकिन अब कुछ लोग इसे “विदेशी साजिश” बताने की तरफ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दो मोर्चों (पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं) पर तैयार है और ज़रूरत हुई तो इसका सामना करेगा — स्वर में आक्रमकता दिखाते हुए उन्होंने पाकिस्तान की तत्परता की बात भी की।
टीटीपी का दावा और पाकिस्तान की आंतरिक चुनौतियाँ
टीटीपी ने हालिया हमलों की जिम्मेदारी ली है और सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में उसका कुछ रेकॉर्डिंग भी सामने आई है जिसमें समूह ने पाकिस्तानी संस्थाओं और सेना को चुनौती देने वाले बयान दिए हैं। वीडियो में टीटीपी के एक सदस्य ने दावा किया कि वे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सक्रिय हैं और उन्होंने देश की सुरक्षा मशीनरी की अक्षमता पर निशाना साधा।
इस तरह के दावों ने पाकिस्तान में भी सुरक्षा चिंताएँ बढ़ा दी हैं और देश के अंदर सक्रिय अलग-अलग उग्र गुटों तथा सरकारी संस्थाओं के बीच टकराव की कहानी को फिर से उजागर किया है।
दिल्ली हमले के बाद भारत का रुख और प्रतिक्रिया का असर
दिल्ली धमाके के बाद भारत ने दोषियों को पकड़ने और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। पिछले कुछ महीनों में भारत की सुरक्षा कार्रवाइयों — जिनमें सीमा-आधारित और आतंकी नेटवर्कों पर ऑपरेशनल दबाव शामिल रहा — ने पाकिस्तान के भीतर भी चिंता पैदा की है। कुछ पाकिस्तानियाना विश्लेषक और अधिकारी यह आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि अगर कोई हमलावर पाकिस्तानी धरती से सक्रिय हुआ तो इससे पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
दोनों तरफ का कड़ा संदेह और आगे की जांच
हालिया घटनाओं के मद्देनज़र दोनों देशों में सुरक्षा सतर्कता बढ़ा दी गई है। पाकिस्तान में भी आतंकवाद-रोधी और खुफिया एजेंसियां सक्रिय हैं और टीटीपी के दावों की जांच की जा रही है। वहीं भारत के साथ जुड़े मामलों में भी जांच एजेंसियां संभावित कनेक्शनों को लेकर आगे की पड़ताल कर रही हैं।
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इस रिपोर्ट में उन बयानों और दावों का संकलन किया गया है जो सार्वजनिक रूप से दर्ज हुए हैं। किसी भी संगठन या व्यक्ति के खिलाफ आरोपों को अदालत या विश्वसनीय जांच एजेंसी द्वारा सत्यापित किए बिना अंतिम रूप दिया नहीं जा सकता।
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