जुबिली न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय भूटान दौरे के दौरान भारत और भूटान के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। भारत ने भूटान की ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़ रुपये का रियायती कर्ज़ (Soft Loan) देने का ऐलान किया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, यह कर्ज़ रियायती ब्याज दरों पर दिया जाएगा ताकि भूटान अपनी जलविद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को गति दे सके।
पुनात्सांगछु-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन
दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक ने संयुक्त रूप से 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछु-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया। यह परियोजना भारत और भूटान के बीच लंबे समय से चल रहे ऊर्जा सहयोग का एक बड़ा उदाहरण है।
पुनात्सांगछु-I परियोजना का काम फिर से शुरू होगा
दोनों देशों ने 1200 मेगावाट की पुनात्सांगछु-I परियोजना के मुख्य बांध का काम फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है। यह भारत और भूटान की अब तक की सबसे बड़ी संयुक्त जलविद्युत परियोजना होगी।
रिन्यूएबल एनर्जी और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सहयोग
भूटान दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कई एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर हुए। इनमें
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नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy),
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स्वास्थ्य और चिकित्सा सहयोग,
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तथा सीमा पार परियोजनाओं में तकनीकी साझेदारी से जुड़े समझौते शामिल हैं।
वाराणसी में बनेगा भूटान का मंदिर और गेस्ट हाउस
दौरे के दौरान भारत सरकार ने घोषणा की कि वाराणसी में भूटान के मंदिर (मठ) और गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। इस कदम से दोनों देशों के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होंगे।
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भारत-भूटान रिश्तों को नई ऊंचाई
भूटान दौरे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और भूटान का संबंध विश्वास, सहयोग और साझा विकास पर आधारित है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि यह दौरा दोनों देशों के बीच सतत विकास और स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी को नई दिशा देगा।
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