जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में एक जनसभा के दौरान बीजेपी के पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने एक बेहद विवादित बयान दिया, जिसके बाद सियासत गरमा गई है। सिंह ने कहा —“अगर मुस्लिम लड़के दो हिंदू लड़कियां ले जाते हैं, तो तुम 10 मुस्लिम लड़कियां लेकर आओ। शादी का खर्चा हम देंगे, सुरक्षा की गारंटी हमारी है।”

उन्होंने आगे कहा कि,“ये योगी जी का जमाना है, डरने की जरूरत नहीं है। अब तुष्टिकरण की राजनीति नहीं चलेगी।”इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसके बाद विपक्षी दलों ने बीजेपी पर हमला तेज कर दिया है।
मायावती ने किया कड़ा प्रहार — ‘अति-निंदनीय और खतरनाक बयान’
बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने राघवेंद्र प्रताप सिंह के बयान को “संकीर्ण और घृणित” करार दिया है।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा —“’मुस्लिम लड़की लाओ, नौकरी पाओ’ का ताज़ा संकीर्ण व घृणित बयान और धर्म परिवर्तन, लव जिहाद जैसे मुद्दों पर नफरत फैलाने वाले तत्व सभ्य समाज और संविधान के लिए खतरा हैं।सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।”
मायावती ने आगे कहा कि इस तरह के बयान साम्प्रदायिक वैमनस्य और अराजकता फैलाते हैं और सरकारों को ऐसे तत्वों को शह देने के बजाय कानून का राज स्थापित करना चाहिए।
कांग्रेस ने भी साधा निशाना
कांग्रेस ने भी इस बयान को “शर्मनाक और समाज को तोड़ने वाला” बताया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा —“बीजेपी की राजनीति अब युवाओं को भटकाने और समाज में नफरत फैलाने वाली बन गई है। इस तरह के बयान कानून और संविधान की मूल भावना के खिलाफ हैं।”
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
बीजेपी नेता का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों ने जमकर नाराज़गी जताई। कई यूज़र्स ने कहा कि इस तरह की भाषा सार्वजनिक मंच पर किसी जनप्रतिनिधि को शोभा नहीं देती। वहीं, कुछ बीजेपी समर्थकों ने कहा कि वीडियो को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।
क्या होगी कार्रवाई?
हालांकि, अब तक बीजेपी की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला ध्रुवीकरण की राजनीति से जुड़ा है और विपक्ष इस मुद्दे को विधानसभा उपचुनावों से पहले बड़ा राजनीतिक हथियार बना सकता है।
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