जुबिली न्यूज डेस्क
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी (SP) को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने मुरादाबाद स्थित सपा कार्यालय खाली कराने के प्रशासन के आदेश को रद्द कर दिया है। सपा ने प्रशासन के इस आदेश को अदालत में चुनौती दी थी और कहा था कि कार्यालय के खिलाफ जारी नोटिस भेदभावपूर्ण है।

क्या था मामला?
मुरादाबाद जिला प्रशासन ने कुछ दिन पहले सपा कार्यालय को खाली कराने का नोटिस जारी किया था।प्रशासन का दावा था कि यह भवन सरकारी भूमि पर बना हुआ है और इसे राज्य संपत्ति माना गया है।इस आदेश को सपा ने भेदभावपूर्ण और राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित बताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट ने कहा — नोटिस उचित प्रक्रिया के बिना जारी
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जिला प्रशासन ने कार्यालय खाली कराने के आदेश से पहले न तो पर्याप्त सुनवाई का अवसर दिया और न ही उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया।
कोर्ट ने प्रशासनिक आदेश को रद्द करते हुए कहा कि“किसी भी राजनीतिक दल के कार्यालय से संबंधित संपत्ति विवाद में कानून के दायरे में रहकर ही कार्रवाई की जानी चाहिए।”
सपा ने कहा — न्याय हुआ, प्रशासन ने किया था भेदभाव
हाईकोर्ट के फैसले के बाद सपा नेताओं ने इसे “न्याय की जीत” बताया।पार्टी प्रवक्ता ने कहा,“प्रशासन ने राजनीतिक दबाव में आकर कार्रवाई की थी। हमने शुरुआत से कहा था कि नोटिस भेदभावपूर्ण है और हाईकोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला देकर सच्चाई साबित कर दी।”
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राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। जहां सपा नेता इसे लोकतंत्र की जीत बता रहे हैं, वहीं भाजपा समर्थकों का कहना है कि अगर कार्यालय सरकारी भूमि पर है, तो कार्रवाई जारी रहनी चाहिए।
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