Thursday - 23 October 2025 - 7:45 PM

देशभर में ‘कार्बाइड गन’ का कहर, बच्चों की आंखों की रोशनी छीन रहा खतरनाक ट्रेंड

जुबिली स्पेशल डेस्क

देश के कई राज्यों में बच्चों के बीच एक नया खतरनाक ट्रेंड तेजी से फैल रहा है। ‘कार्बाइड गन’ या ‘देसी पटाखा गन’। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस जुगाड़ू धमाके के खिलौने ने अब मासूमों की ज़िंदगी अंधेरे में धकेलनी शुरू कर दी है।
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में बच्चे गंभीर आंख की चोटों का शिकार हो रहे हैं।

सिर्फ तीन दिन में 122 बच्चे घायल- मध्य प्रदेश में मचा हड़कंप

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, बीते तीन दिनों में ही मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में 122 से अधिक बच्चे घायल हुए हैं।विदिशा जिले में तो यह स्थिति और भयावह है। यहां 14 बच्चों की आंखों की रोशनी जा चुकी है।

भोपाल के हमीदिया अस्पताल में अकेले 26 से ज्यादा मामलों में आंखों की सर्जरी करनी पड़ी है। पीड़ित 17 वर्षीय नेहा ने बताया “जुगाड़ की कार्बाइड गन फटने से मेरी एक आंख पूरी तरह झुलस गई।” वहीं राज विश्वकर्मा नाम के किशोर ने कहा “मैंने सोशल मीडिया पर देखकर पटाखा गन बनाई थी. तभी धमाका हो गया और आंख चली गई।”

यूपी और बिहार में भी फैल रहा खतरा

उत्तर प्रदेश के जालौन में एक किशोर कैल्शियम कार्बाइड गन के धमाके से गंभीर रूप से घायल हुआ।वहीं बिहार के पटना में यह ‘देसी पटाखा गन’ पटाखों के विकल्प के रूप में तेजी से फैल रही है। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, अब तक 50 से अधिक लोग आंखों की रोशनी खो चुके हैं।

कैसे बनता है यह ‘जानलेवा खिलौना’?

नेत्र विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चे घर में ही माचिस की तीलियों, बारूद और कार्बाइड को मिलाकर प्लास्टिक या टिन के पाइप में भर देते हैं। धमाके के दौरान तेज़ धातु के कण और छर्रे सीधे आंखों में घुस जाते हैं।
कई मामलों में पुतली फटने तक की स्थिति बन गई है, जिससे तुरंत सर्जरी करनी पड़ी।

पटाखा गन चैलेंज’ बना सोशल मीडिया का जहर

विशेषज्ञों का कहना है कि इस खतरनाक चलन के पीछे इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब पर वायरल हो रहे
‘पटाखा गन चैलेंज’ वीडियो जिम्मेदार हैं। इन वीडियो को देखकर बच्चे घर में ही प्रयोग करने लगते हैं और खुद को खतरे में डाल देते हैं।

प्रशासन अलर्ट पर, अभिभावकों से अपील

विदिशा प्रशासन ने इस अवैध रूप से बिकने वाली जुगाड़ू गन के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
अभिभावकों से अपील की गई है कि वे बच्चों को इन खतरनाक ‘खिलौनों’ से दूर रखें और सोशल मीडिया पर फैल रहे ऐसे चैलेंजेस को नज़रअंदाज़ करें।

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