मेरठ के चर्चित सौरभ राजपूत हत्याकांड की आरोपी मुस्कान रस्तोगी की जिंदगी में इस बार भैया दूज का पर्व कुछ अलग ही रहा। मेरठ जिला कारागार में बंद मुस्कान ने इस अवसर पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा को अपना भाई मानते हुए पारंपरिक तरीके से तिलक किया।
भैया दूज के मौके पर जेल परिसर में आयोजित सादे कार्यक्रम में मुस्कान ने डॉ. शर्मा को तिलक लगाया और उन्हें अपने भाई के रूप में स्वीकार किया। डॉ. शर्मा ने मुस्कान को मिठाई उपहार में दी और उसकी सुरक्षा व मार्गदर्शन का वचन दिया। उन्होंने कहा कि,“हमें इससे फर्क नहीं पड़ता कि कोई बंदी किस अपराध में जेल आया है। हमारा उद्देश्य हर बंदी को बेहतर इंसान बनाना है ताकि वह समाज में नई शुरुआत कर सके।”इस मौके पर जेल स्टाफ भी मौजूद रहा।
मुस्कान में दिख रहा बदलाव
जेल सूत्रों के अनुसार, जेल में आने के बाद मुस्कान रस्तोगी के जीवन में बड़ा बदलाव देखा गया है। शुरूआती दिनों में वह ड्रग्स की लत और तनाव से जूझ रही थी, लेकिन अब उसने खुद को आध्यात्मिकता की ओर मोड़ लिया है। वह अपना अधिकांश समय ध्यान और धार्मिक पुस्तकों के अध्ययन में बिताती है।
सूत्रों के मुताबिक, मुस्कान इस समय गर्भवती है और उसने यह इच्छा जताई है कि उसकी संतान “भगवान कृष्ण जैसी हो।”
क्यों आई मुस्कान जेल में?
गौरतलब है कि 3 मार्च 2025 को मेरठ में हुए सौरभ राजपूत हत्याकांड ने पूरे उत्तर प्रदेश को झकझोर दिया था।
आरोप है कि मुस्कान रस्तोगी ने अपने प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर अपने पति सौरभ की निर्मम हत्या कर दी थी। हत्या के बाद दोनों ने शव को टुकड़ों में काटकर एक नीले रंग के ड्रम में भर दिया और ऊपर से सीमेंट डालकर सील कर दिया था।
पुलिस ने ड्रम बरामद कर मामले का खुलासा किया था, जिसके बाद मुस्कान और साहिल दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
अब सुधार की राह पर मुस्कान
जेल प्रशासन का कहना है कि मुस्कान अब अपने जीवन को नई दिशा देना चाहती है। उसका कहना है कि वह अपने अतीत की गलतियों को पीछे छोड़कर एक सुधरी हुई इंसान के रूप में आगे बढ़ना चाहती है।