जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के 52वें जन्मदिन पर एक बार फिर से पोस्टर पॉलिटिक्स ने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। सपा कार्यालय के बाहर लगे एक पोस्टर में बीजेपी की “डबल इंजन सरकार” का जवाब “प्रबल इंजन की सरकार” के नारे से दिया गया है। आपको बता दें कि अखिलेश यादव का कागज़ी जन्मदिन 1 जुलाई को आता है, लेकिन उनके करीबी और समर्थक 23 अक्टूबर को उनका “असली जन्मदिन” मानते हैं।
‘प्रबल इंजन की सरकार’ का पोस्टर बना चर्चा का विषय
इस पोस्टर में अखिलेश यादव को रेलगाड़ी के इंजन में बैठे हुए दिखाया गया है। इंजन पर लिखा है —
“समाजवादी पार्टी — एक इंजन, मजबूत इंजन।”
ट्रेन के पीछे जुड़े डिब्बों पर अखिलेश सरकार की प्रमुख योजनाओं और उपलब्धियों का ज़िक्र है, जैसे —
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मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर
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डायल 100 सेवा
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आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे
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लखनऊ मेट्रो
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समाजवादी पेंशन योजना
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कन्या विद्याधन योजना
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शादी अनुदान योजना
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लैपटॉप वितरण योजना
इन डिब्बों के ज़रिए पोस्टर यह संदेश देने की कोशिश करता है कि अखिलेश यादव का शासनकाल विकास की पटरियों पर दौड़ता “प्रबल इंजन” था।
संस्कृत श्लोक से दी गई जन्मदिन की शुभकामनाएं
पोस्टर पर अखिलेश यादव को संस्कृत श्लोक के माध्यम से शुभकामनाएं दी गई हैं —
“अद्रोहः सर्वभूतेषु कर्मणा मनसा गिरा।
अनुग्रहश्च दानं च, शीलमेतद् विदुर्बुधाः।।
जन्मदिवसस्य अनेकशः शुभकामनाः।”
इस श्लोक का अर्थ है —
“जो व्यक्ति कर्म, मन और वाणी से सभी प्राणियों के प्रति द्वेष रहित रहता है, दयालु और दानी होता है, वही सच्चे अर्थों में सद्गुणी कहलाता है।”यह संदेश अखिलेश यादव को एक दयालु, विनम्र और समाजवादी मूल्यों से जुड़े नेता के रूप में पेश करता है।
पोस्टर लगाने वाले जयराम पांडे फिर चर्चा में
यह पोस्टर समाजवादी पार्टी के नेता जयराम पांडे ने लगाया है, जो संत कबीर नगर की मेंहदावल विधानसभा सीट से प्रत्याशी रह चुके हैं।जयराम पांडे इससे पहले भी 2022 विधानसभा चुनाव से पहले लगाए गए “आ रहा हूं” स्लोगन वाले पोस्टर से सुर्खियों में रहे थे।इस बार उन्होंने “डबल इंजन सरकार” का जवाब “प्रबल इंजन सरकार” से देकर राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है।
राजनीतिक मायने
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह पोस्टर न केवल अखिलेश यादव के जन्मदिन का उत्सव है, बल्कि सपा के 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी का इशारा भी देता है।यह नारा बीजेपी की ‘डबल इंजन सरकार’ के जवाब में एक प्रचार रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।