जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन को झटका लगा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने गठबंधन से अलग होकर अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। झामुमो ने स्पष्ट किया है कि वह बिहार की छह विधानसभा सीटों — चकाई, धमदाहा, कटोरिया (एसटी), मनिहारी (एसटी), जमुई और पीरपैंती — पर अपने उम्मीदवार उतारेगा। इन सीटों पर दूसरे चरण में 11 नवंबर को मतदान होना है।
JMM के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा कि पार्टी को महागठबंधन की ओर से सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं, जिसके चलते यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा, “हमने गठबंधन से सीटें मांगी थीं, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ। इसलिए झामुमो ने बिहार चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने का निर्णय लिया है।”
झामुमो ने इस मौके पर अपने 20 स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी की है, जिसका नेतृत्व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे। पार्टी ने कहा कि वह बिहार में भाजपा के खिलाफ मजबूती से मुकाबला करने को तैयार है।
भट्टाचार्य ने याद दिलाया कि 2019 के झारखंड चुनाव में झामुमो ने राजद को सात सीटें दी थीं और जीत के बाद गठबंधन धर्म निभाते हुए राजद विधायक को मंत्री पद भी दिया गया था। उन्होंने कहा, “हमने हमेशा सहयोगियों का सम्मान किया, अब बिहार में भी वही उम्मीद थी। लेकिन सीटें नहीं मिलने से हमें अकेले लड़ने का फैसला लेना पड़ा।”
अब देखना यह होगा कि JMM के इस कदम का असर बिहार में महागठबंधन की चुनावी रणनीति पर कैसा पड़ता है, क्योंकि कई सीटों पर यह मुकाबले का गणित बदल सकता है।
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