जुबिली न्यूज डेस्क
CBI ने राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मैसनाम रितेन कुमार सिंह को ₹10 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। अब इस कार्रवाई के बाद हुए तलाशी अभियान में CBI को करोड़ों की संपत्ति और बेहिसाब कैश का पता चला है।
CBI छापेमारी: कहां-कहां से क्या मिला?
CBI ने गुवाहाटी, गाजियाबाद और इम्फाल में अफसर के कार्यालय और घरों पर छापेमारी की। उनके साथ कारोबारी बिनोद जैन के परिसरों की भी तलाशी हुई। तलाशी के दौरान CBI ने जो जब्त किया, वो चौंकाने वाला है:
बरामद संपत्ति का ब्यौरा:
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₹2.62 करोड़ कैश
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दिल्ली-NCR: 9 लग्जरी फ्लैट, 1 प्रीमियम ऑफिस स्पेस, 3 रेजिडेंशियल प्लॉट्स
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बेंगलुरु: 1 फ्लैट, 1 प्लॉट
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गुवाहाटी: 4 फ्लैट, 2 प्लॉट
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इम्फाल वेस्ट: 2 होमस्टेड प्लॉट्स, 1 कृषि भूमि
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6 लग्जरी गाड़ियां, 2 महंगी घड़ियां
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100 ग्राम का सिल्वर बार
CBI के अनुसार, संपत्तियों की कागज़ी कीमत असली मार्केट वैल्यू से काफी कम दिखाई गई है। असली वैल्यू कई करोड़ रुपये में होने की संभावना है।
कैसे सामने आया रिश्वत का मामला?
CBI को एक गोपनीय सूचना मिली थी कि मैसनाम रितेन कुमार सिंह ने एक निजी कंपनी से रिश्वत की मांग की है। कंपनी, नेशनल हाईवे-37 के Demow से Moran Bypass तक 4-लेन सड़क निर्माण प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी।
CBI ने 14 अक्टूबर को जाल बिछाया, और अधिकारी को ₹10 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
रिश्वत क्यों मांगी गई थी?
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प्रोजेक्ट की समय सीमा बढ़ाने में मदद करने के लिए
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कंपनी को कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करवाने के बदले
कौन है मैसनाम रितेन कुमार सिंह?
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NHIDCL के गुवाहाटी रीजनल ऑफिसर और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर
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लंबे समय से पूर्वोत्तर भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से जुड़े रहे हैं
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आरोप है कि इन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर निजी लाभ के लिए रिश्वतखोरी को बढ़ावा दिया
CBI की कार्रवाई जारी, संपत्तियों की जांच में जुटी एजेंसी
CBI अब इस पूरे मामले में:
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बरामद संपत्तियों की वैधता और मूल्य की जांच कर रही है
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अधिकारी के बैंक अकाउंट्स और अन्य वित्तीय दस्तावेजों की स्क्रूटनी की जा रही है
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अन्य संभावित संलिप्त अफसरों और कारोबारियों की पहचान की जा रही है
सरकारी प्रोजेक्ट्स में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की ये घटना न सिर्फ आम जनता के पैसे का दुरुपयोग है, बल्कि यह देश के बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचाती है। CBI की कार्रवाई इस बात का संकेत है कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बख्शा नहीं जाएगा।