जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए में सीटों की संख्या तय हो गई है, लेकिन कौन-सी सीट किस दल को मिलेगी। इस पर अब भी मतभेद बरकरार हैं। सोमवार को होने वाली एनडीए की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी इसी कारण टाल दी गई।
सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू सीटों के बंटवारे में 2024 के लोकसभा चुनाव का हवाला दे रही है। पार्टी का कहना है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 17 और जेडीयू ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन जेडीयू का प्रदर्शन बेहतर रहा।
‘कुछ लोग स्ट्राइक रेट का झुनझुना बजा रहे हैं ’
बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने जेडीयू के इस दावे पर पलटवार किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा-“ये होता है असली स्ट्राइक रेट! आज मजबूत सीट लेकर स्ट्राइक रेट का झुनझुना बजा रहे हैं।
2010 में एनडीए ने इतिहास रचा था। जेडीयू ने 141 में से 115 सीटें (81%) और बीजेपी ने 102 में से 91 सीटें (89%) जीती थीं। इतनी प्रचंड जीत बिहार की राजनीति में फिर नहीं दोहराई गई।”

गिरिराज ने अपने पोस्ट में इशारों-इशारों में चिराग पासवान पर भी निशाना साधा।
नीतीश कुमार अब ‘बड़े भाई’ नहीं
अब तक बिहार की राजनीति में एनडीए में नीतीश कुमार को ‘बड़े भाई’ के तौर पर देखा जाता था, लेकिन इस बार समीकरण बदल गए हैं। सीट बंटवारे के बाद बीजेपी और जेडीयू को 101-101 सीटें दी गई हैं। यानी एनडीए में अब दोनों दल बराबर की स्थिति में हैं।
यह पहली बार है जब जेडीयू और बीजेपी समान संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। 2005 से 2020 तक जेडीयू एनडीए का नेतृत्व करता रहा, लेकिन 2025 का बंटवारा बता रहा है कि नीतीश अब ‘बड़े भाई’ नहीं रहे।
सीटों का पूरा बंटवारा
- बीजेपी: 101 सीटें
- जेडीयू: 101 सीटें
- एलजेपी (रामविलास): 29 सीटें
- रालोजद (उपेंद्र कुशवाहा): 6 सीटें
- हम (जीतनराम मांझी): 6 सीटें
एनडीए की रणनीति अब सीट-वार तालमेल और उम्मीदवारों की घोषणा पर केंद्रित है, जबकि विपक्ष महागठबंधन अपनी एकजुटता दिखाने की कोशिश में जुटा है।
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