जुबिली न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने केरल बचाओ ब्रिगेड की जनहित याचिका (PIL) पर मुल्लापेरियार बांध के नए निर्माण के लिए नोटिस जारी किया है और चार हफ्ते में जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि मौजूदा बांध 130 साल पुराना है और इसके आसपास लगभग 1 करोड़ लोग रहते हैं, जिन्हें खतरा हो सकता है।

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता वी. गिरि ने कोर्ट को बताया कि पुराना बांध खतरे में है और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नया बांध बनाने की जरूरत है। सीजेआई बी.आर. गवई ने कहा कि शायद पुराने बांध को मजबूत करने या निगरानी के लिए विशेषज्ञ समिति नियुक्त की जा सकती है। न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन ने सवाल उठाया कि यदि एक नया बांध बनाया गया तो तमिलनाडु का पानी कैसे प्रभावित होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, तमिलनाडु और केरल सरकारों तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) को नोटिस भेजा है। याचिका में कहा गया है कि 1895 में केरल के इडुक्की जिले में पेरियार नदी पर बने इस पुराने बांध के चलते न सिर्फ केरल बल्कि तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में भी सिंचाई और पेयजल आपूर्ति प्रभावित होती है। केरल ने बांध की उम्र और भूकंपीय जोखिम के कारण सुरक्षा चिंताओं को उठाया है, जबकि तमिलनाडु इसके महत्व पर जोर देता रहा है।
सीजेआई ने सुझाव दिया कि मौजूदा संरचना की सुरक्षा का आकलन विशेषज्ञों द्वारा किया जाना चाहिए और इसके आधार पर नए ढांचे के निर्माण की संभावना का मूल्यांकन किया जाए। इस याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए नए बांध के निर्माण या पुराने बांध को मजबूत करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।
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