Wednesday - 22 October 2025 - 7:41 PM

योगी की तारीफ, सपा पर तंज-मायावती ने लखनऊ रैली में खेला पॉलिटिकल मास्टरस्ट्रोक

जुबिली स्पेशल डेस्क

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार (9 अक्टूबर) को कांशीराम जयंती के अवसर पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बार श्रद्धेय कांशीराम जी को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की इतनी बड़ी भीड़ उमड़ी कि सभी पुराने रिकॉर्ड टूट गए।

मायावती ने कहा कि कुछ समय पहले तक कांशीराम स्मारक के कई हिस्सों में मरम्मत कार्य चल रहा था, जिससे श्रद्धालुओं को पुष्पांजलि अर्पित करने में कठिनाई हो रही थी। अब अधिकांश मरम्मत कार्य पूरा कर लिया गया है और स्मारक को पहले से अधिक भव्य रूप दिया गया है।

उन्होंने कहा, “कांशीराम जी के विचार आज भी लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। उनका संघर्ष सामाजिक न्याय, आत्म-सम्मान और समान अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक है। मैं आभारी हूं कि आज इतने लोग उनकी याद में एकजुट हुए हैं।” इस मौके पर बसपा कार्यकर्ताओं ने जय भीम और कांशीराम अमर रहें के नारों के साथ रैली स्थल को गूंजा दिया।

लखनऊ में कांशीराम जयंती के मौके पर आयोजित विशाल रैली में बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि कांशीराम स्मारक समेत अन्य स्थलों के रखरखाव और मरम्मत में योगी सरकार ने पूरा सहयोग दिया है।

मायावती ने कहा, “योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इन स्थलों की मरम्मत पर पूरा पैसा खर्च किया है, जबकि सपा शासन के दौरान इन जगहों की हालत जर्जर हो गई थी। उस वक्त रखरखाव पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया गया।”

उन्होंने बताया कि बसपा सरकार के कार्यकाल में ऐसा सिस्टम बनाया गया था कि स्मारकों पर आने वाले लोगों से लिए गए टिकट शुल्क को उन्हीं के रखरखाव पर खर्च किया जाए। लेकिन सपा सरकार ने इस नियम को नज़रअंदाज़ कर दिया।

मायावती ने कहा, “बीजेपी सरकार आने के बाद मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि टिकट से जमा हुई राशि को मरम्मत कार्यों में लगाया जाए। मैं सरकार का आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होंने इस पर तुरंत कार्रवाई की और इन ऐतिहासिक स्थलों को नया रूप दिया।”

लखनऊ में कांशीराम जयंती के मौके पर आयोजित बहुजन समाज पार्टी (BSP) की विशाल रैली में पार्टी प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके नेताओं पर करारा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा नेताओं को गुरु, संत और महापुरुष तब याद नहीं आते जब वे सत्ता में होते हैं। लेकिन जैसे ही सत्ता जाती है, उन्हें “पीडीए” और बहुजन मुद्दों की याद आने लगती है।

मायावती ने तीखे लहजे में कहा, “जब सपा सरकार में थी, तब उन्हें न हमारे महापुरुषों की याद थी और न ही उनके आदर्शों की। अब जब सत्ता हाथ से निकल गई, तो उन्हें पीडीए याद आ रहा है। अखिलेश यादव से पूछना चाहती हूं — जब हमने कासगंज जिले का नाम मान्यवर कांशीराम जी के नाम पर रखा था, तो सत्ता में आते ही उन्होंने उसका नाम क्यों बदल दिया?”

बीएसपी सुप्रीमो ने इस दौरान बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के विचारों को याद करते हुए कहा कि “सत्ता वह मास्टर चाबी है, जिससे वंचित वर्ग अपने अधिकारों की रक्षा कर सकता है और सम्मानजनक जीवन जी सकता है।” उन्होंने कहा कि बाबा साहब के सपनों को साकार करने के लिए कांशीराम जी ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया और बसपा ने उनके मिशन को आगे बढ़ाया।

मायावती ने गर्व से कहा कि “कांशीराम जी का सपना उनके जीवनकाल में भले अधूरा रहा, लेकिन हमने उसे 2007 में पूरा किया जब बहुजन समाज पार्टी ने अकेले अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई।”

इस दौरान रैली स्थल पर भारी जनसमूह उमड़ा रहा। बसपा का दावा है कि पांच लाख से अधिक कार्यकर्ता प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से लखनऊ पहुंचे। मंच पर मायावती के साथ उनके भाई आनंद कुमार, भतीजे आकाश आनंद और वरिष्ठ नेता सतीशचंद्र मिश्र मौजूद रहे।

पार्टी ने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। चारबाग रेलवे स्टेशन पर कार्यकर्ताओं के लिए सहायता शिविर लगाया गया और कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए।

 

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