जुबिली न्यूज डेस्क
पटना- बिहार में सत्ता की वापसी को लेकर NDA ने चुनावी तैयारी तेज कर दी है। बीजेपी की प्रदेश चुनाव समिति की दो दिवसीय बैठक में सिटिंग विधायकों की परफॉर्मेंस, जनता की प्रतिक्रिया और सर्वे रिपोर्ट का गहन विश्लेषण किया गया।
सिटिंग विधायकों के टिकट पर चर्चा
बैठक में मौजूदा 80 सीटों में से 21 सिटिंग विधायकों के टिकट कटने की संभावना पर विचार किया गया। इसके पीछे मुख्य कारण बताए गए हैं:
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जनता की नाराजगी और एंटी-इंकम्बेंसी
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बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ
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बयानबाजी और कार्यकर्ताओं के साथ खराब व्यवहार
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पार्टी और सहयोगी दलों का विरोध
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युवाओं और महिलाओं को प्राथमिकता देना
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चुनावी और जातीय समीकरण
जिन विधायकों के टिकट कटने की संभावना है
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नंदकिशोर यादव (पटना साहिब, उम्र 72)
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बिरेंद्र सिंह (वजीरगंज, उम्र 70+)
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अरूण कुमार सिन्हा (कुम्हरार, उम्र 70+)
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विनोद नारायण झा (बेनीपट्टी, सीट अदला-बदली में JDU को जा सकती है)
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भागीरथी देवी (रामनगर)
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मिश्रीलाल यादव (अलीनगर)
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रश्मि वर्मा (नरकटियागंज)
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जयप्रकाश यादव (नरपतगंज, उम्र 70)
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विजय खेमका (पूर्णिया)
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विनय बिहारी (लौरिया)
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विद्यासागर केसरी (फारबिसगंज)
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ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू (बाढ़)
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केदार प्रसाद गुप्ता (कुढ़नी)
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अमरेंद्र प्रताप सिंह (आरा, उम्र 74+, आरके सिंह नाराज)
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रामसूरत राय (औराई)
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राघवेंद्र प्रताप सिंह (बड़हरा, उम्र 70+, आरके सिंह विरोध)
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संजय कुमार सिंह (लालगंज)
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पवन यादव (कहलगांव)
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डा. सीएन गुप्ता (छपरा, उम्र 75+)
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अशोक कुमार सिंह (पारू)
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रामनारायण मंडल (बांका)
पार्टी का नया एजेंडा
सूत्रों के अनुसार इस बार बीजेपी नई, युवा और महिला उम्मीदवारों को टिकटों में प्राथमिकता देगी।
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अंतिम फैसला केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में होगा।
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सिटिंग विधायकों के टिकट कटने की प्रक्रिया में जनता की प्रतिक्रिया और चुनावी समीकरण अहम भूमिका निभाएंगे।