जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ में उत्तर प्रदेश विजन @2047 कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली में हुए विवाद को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया।
सीएम योगी ने कहा कि पहले दंगाइयों को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाकर सम्मानित किया जाता था और पेशेवर अपराधियों के सामने सत्ता झुकती थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी लोग अपराधियों से हाथ मिलाते थे और इससे प्रदेश में सुरक्षा का नामोनिशान नहीं था। उन्होंने कहा कि हर जिले में एक माफिया को संरक्षण दिया जाता था।
सीएम योगी ने बरेली में हुए हालिया घटनाक्रम पर कहा कि वहां के एक मौलाना ने भूल किया कि राज्य की सत्ता किसके हाथ में है। उसे लगा कि वह जब चाहे व्यवस्था रोक सकता है, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि नाकाबंदी या कर्फ्यू नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो सबक सिखाया है, उससे भविष्य में दंगे करने वालों को दो बार सोचना पड़ेगा। 2017 के बाद यूपी में कर्फ्यू नहीं लगने दिया गया और यही प्रदेश के विकास की कहानी है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो लोग जाति के नाम पर भड़काते हैं, उनके लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज जैसी योजनाओं का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि भ्रष्ट और बेईमान लोग सत्ता में आते ही उसका दुरुपयोग करते हैं, लेकिन उनकी सरकार ने इन्हीं लोगों के लिए कड़ी कार्रवाई की है।
बताया गया कि 26 सितंबर को बरेली में स्थानीय धर्मगुरु और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा द्वारा ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान के समर्थन में प्रस्तावित प्रदर्शन को स्थगित करने के बाद मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में जमा हुए लोगों और पुलिस के बीच झड़प हुई।