जुबिली स्पेशल डेस्क
बेंगलुरु: बेंगलुरु की आउटर रिंग रोड (ORR) पर बढ़ते ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आईटी कंपनी विप्रो से सहयोग की अपील की थी।
मुख्यमंत्री ने 19 सितंबर को लिखे पत्र में कहा कि अगर विप्रो अपने सरजापुर कैंपस का एक हिस्सा जनता के लिए खोल देता है, तो पीक आवर्स में ट्रैफिक लगभग 30% तक घट सकता है। उन्होंने इसे शहर में लोगों की मोबिलिटी और जीवन की गुणवत्ता सुधारने वाला कदम बताया।

हालांकि, विप्रो के फाउंडर चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने पत्र में स्पष्ट किया कि सरजापुर कैंपस कंपनी की निजी संपत्ति है और इसे सार्वजनिक आवागमन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, कैंपस स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) में आता है, जहां ग्लोबल क्लाइंट्स की सेवाएं दी जाती हैं, इसलिए सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल अनिवार्य हैं।
अजीम प्रेमजी ने कहा, “पब्लिक व्हीकुलर मूवमेंट न तो कानूनी रूप से संभव है और न ही यह कोई दीर्घकालिक समाधान साबित होगा।”
ट्रैफिक संकट का डेटा-ड्रिवन समाधान
हालांकि, प्रेमजी ने यह भी आश्वासन दिया कि विप्रो सरकार के साथ मिलकर बेंगलुरु के ट्रैफिक संकट का स्थायी हल खोजने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने सुझाव दिया कि डेटा-ड्रिवन और कोलैबोरेटिव स्टडी कराई जाए, ताकि शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म में प्रभावी समाधान निकाले जा सकें। इसके अलावा, विप्रो इस अध्ययन की लागत का बड़ा हिस्सा वहन करने को भी तैयार है।
बेंगलुरु की आउटर रिंग रोड शहर के आईटी हब्स को जोड़ने वाला सबसे व्यस्त कॉरिडोर है। हाल के वर्षों में यहां ट्रैफिक इतना बढ़ गया है कि कई कंपनियां अपने ऑफिस स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं।
हाल ही में लॉजिस्टिक्स टेक कंपनी ब्लैकबक ने खराब सड़कें और जाम का हवाला देते हुए अपने बेलंदूर ऑफिस को शिफ्ट करने की घोषणा की थी। अब देखना होगा कि सरकार अब क्या करती है।
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