जुबिली स्पेशल डेस्क
लंदन। क्रिकेट जगत से बेहद दुखद खबर सामने आई है। मशहूर अंपायर डिकी बर्ड का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अपने निष्पक्ष और शानदार अंपायरिंग फैसलों के लिए पहचाने जाने वाले डिकी बर्ड ने क्रिकेट इतिहास में अमिट छाप छोड़ी।
शुरुआती जीवन और क्रिकेट करियर
19 अप्रैल 1933 को इंग्लैंड के Yorkshire के Barnsley में जन्मे डिकी बर्ड एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज रहे। उन्होंने Yorkshire और Leicestershire की ओर से फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेला। अपने करियर में उन्होंने 93 फर्स्ट क्लास मैचों में 3314 रन बनाए, जिसमें 2 शतक और 14 अर्धशतक शामिल रहे। उनका सर्वोच्च स्कोर 181 रन* रहा। हालांकि, चोटों के कारण उनका क्रिकेट करियर लंबा नहीं चल पाया और उन्होंने बाद में अंपायरिंग को अपना लिया।
अंपायरिंग में सुनहरा सफर
डिकी बर्ड का अंपायरिंग करियर बेहद गौरवशाली रहा। उन्होंने 66 टेस्ट और 69 वनडे इंटरनेशनल मैचों में अंपायरिंग की। इसके अलावा, उन्होंने 7 महिला वनडे इंटरनेशनल मुकाबलों में भी अंपायर की भूमिका निभाई। बर्ड पहले तीन पुरुष वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में अंपायरिंग करने वाले अंपायर बने।
उनका आखिरी टेस्ट मैच 1996 में हुआ, जिसमें सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। उनकी जोड़ी मशहूर अंपायर डेविड शेफर्ड के साथ मैदान पर खूब चर्चा में रही।
Yorkshire का शोक संदेश
डिकी बर्ड के निधन पर Yorkshire County Cricket Club ने गहरा शोक व्यक्त किया। क्लब ने उन्हें न सिर्फ Yorkshire क्रिकेट का प्रतीक बताया बल्कि क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े किरदारों में से एक करार दिया।
मैदान से बाहर भी लोकप्रिय
मैदान को अलविदा कहने के बाद भी डिकी बर्ड सुर्खियों में बने रहे। उन्होंने कई क्विज़ शो, चैट शो और स्पीकिंग टूर किए, जहां उनके किस्सों और अनुभवों ने दर्शकों का दिल जीता। उनकी आत्मकथा ‘My Autobiography’ (Keith Lodge के साथ लिखी गई) सबसे ज्यादा बिकने वाली स्पोर्ट्स बुक बनी। उनकी दूसरी किताब ‘White Cap and Bails’ भी बेस्टसेलर रही।
एक युग का अंत
क्रिकेट जगत के लिए डिकी बर्ड का निधन एक युग का अंत है। डेविड शेफर्ड के बाद अब बर्ड का जाना क्रिकेट के लिए एक गहरी क्षति है। उनकी ईमानदार अंपायरिंग, सहज व्यक्तित्व और खेल के प्रति समर्पण हमेशा याद किया जाएगा।