जुबिली न्यूज डेस्क
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है। गडकरी ने मजाकिया लहजे में कहा कि ब्राह्मण समाज को आरक्षण न मिलना ही उनके लिए भगवान का सबसे बड़ा आशीर्वाद है।

“ब्राह्मणों को आरक्षण नहीं मिला, यही सबसे बड़ा उपकार”
गडकरी ने कहा –“मैं हमेशा हंसी-मजाक में कहता हूं कि मैं ब्राह्मण जाति का हूं और परमेश्वर ने हम पर सबसे बड़ा उपकार यह किया कि हमें आरक्षण नहीं मिला।”
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ब्राह्मणों का राजनीतिक या सामाजिक महत्व उतना नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार में ब्राह्मण समाज का काफी प्रभाव है। जैसे महाराष्ट्र में मराठा जाति अहम है, वैसे ही यूपी-बिहार में दुबे, त्रिपाठी और मिश्रा जैसे ब्राह्मणों की भूमिका बड़ी होती है।
“आरक्षण न मिलना बना प्रेरणा का कारण”
गडकरी ने कहा कि आरक्षण न मिलने से उन्हें उद्यमी बनने की प्रेरणा मिली।“अगर मुझे आरक्षण मिला होता तो मैं शायद किसी बैंक में क्लर्क या अधिकतम क्लास-1 अधिकारी बनपाता। लेकिन मैंने तय किया कि नौकरी मांगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनूंगा। आज मैं 15,000 लोगों को रोजगार देता हूं।”
जातिवाद पर फिर कड़ा रुख
गडकरी ने कहा कि कोई व्यक्ति जाति, धर्म या भाषा से महान नहीं होता, बल्कि गुणों से महान होता है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले 50 सालों से आरक्षण और जातिगत मुद्दों पर लगातार प्रयास किए गए हैं, लेकिन यह विषय बेहद गंभीर है और इस पर समाज को मिलकर समाधान निकालना होगा।
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गडकरी के पहले भी दिए गए बयान चर्चा में
यह पहली बार नहीं है जब गडकरी ने जातिवाद और आरक्षण पर मुखर होकर अपनी राय रखी है।
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मार्च 2025 में नागपुर में ही उन्होंने कहा था – “जो जाति की बात करेगा, उसे कस कर मारूंगा लात।”
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2019 में भी उन्होंने बयान दिया था कि आरक्षण अकेले किसी समुदाय के विकास की गारंटी नहीं है।
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