जुबिली स्पेशल डेस्क
सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने वालीं और पहले अध्यापिका रह चुकीं IAS मोनिका रानी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग की महानिदेशक (DG) का पदभार संभाल लिया। कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने अधिकारियों-कर्मचारियों से मुलाकात की और शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए अपनी प्राथमिकताएं साझा कीं।
मोनिका रानी ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता बच्चों का नामांकन बढ़ाना, शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना और समय से सीएम मॉडल कंपोजिट व अभ्युदय विद्यालयों का निर्माण कराना होगी। उन्होंने ICT लैब के बेहतर उपयोग, छात्राओं की पढ़ाई पर विशेष फोकस और बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने पर जोर दिया।
शिक्षकों को शिक्षा विभाग की “रीढ़” बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें आधुनिक व नवाचारी तरीकों से पढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ताकि वे बच्चों के लिए सिर्फ शिक्षक ही नहीं बल्कि प्रेरणा का स्रोत भी बनें।
बैठक में उन्होंने “मिशन शक्ति” और “विकसित भारत” जैसे कार्यक्रमों पर भी चर्चा की और विभाग की विभिन्न यूनिट्स की योजनाओं की समीक्षा की।
IAS बनने तक का सफर
आईएएस बनने से पहले मोनिका रानी 2004 से 2010 तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अध्यापिका रहीं। 2010 में उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास की और 70वीं रैंक हासिल कर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में चयनित हुईं।
हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली मोनिका रानी ने बी.कॉम और एमए (इकोनॉमिक्स) की पढ़ाई की है। 2012 में उनकी पहली पोस्टिंग गाजियाबाद में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप में हुई थी। इसके बाद उन्होंने सहारनपुर में CDO, चित्रकूट, बहराइच और फर्रुखाबाद में DM के तौर पर सेवाएं दीं।