राहुल गांधी ने कहा कि “देश के युवा, देश के स्टूडेंट्स और देश की Gen-Z पीढ़ी संविधान को बचाएगी, लोकतंत्र की रक्षा करेगी और वोट चोरी को रोकेगी। मैं उनके साथ हमेशा खड़ा हूं।”उनके इस बयान को लेकर सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि विपक्षी दल इसे लेकर नया विवाद खड़ा कर सकते हैं, खासकर ऐसे समय में जब हाल ही में पड़ोसी देश नेपाल में Gen-Z आंदोलन ने राजनीतिक भूचाल पैदा किया और प्रधानमंत्री को देश छोड़ना पड़ा।
जुबिली स्पेशल डेस्क
बीते दिन नेपाल में GenZ ने ऐसा तख्तापलट किया कि प्रधानमंत्री को देश छोड़कर भागना पड़ा। वहीं, भारत में आज लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए और कई दस्तावेज प्रस्तुत किए।
उन्होंने कहा- “यह हाइड्रोजन बम नहीं है, बल्कि हाइड्रोजन बम अभी आना बाकी है। यह युवाओं को यह दिखाने की दिशा में एक और मील का पत्थर है कि चुनावों में किस तरह धांधली की जा रही है।”
इसके बाद राहुल गांधी ने एक्स (Twitter) पर पोस्ट करते हुए लिखा-“देश के युवा, देश के स्टूडेंट, देश के GenZ संविधान को बचाएंगे।” यह पहली बार है जब उन्होंने सीधे तौर पर GenZ को लेकर टिप्पणी की है।
इससे पहले लगाए थे आरोप
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि जिन बूथों पर कांग्रेस जीतती दिख रही थी, उन्हें निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा “मैं इस मंच से कोई भी ऐसी बात नहीं कहूंगा जो 100% सच पर आधारित न हो। मैं अपने देश, संविधान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्यार करता हूं और उसी की रक्षा कर रहा हूं।”
चुनाव आयोग पर सीधा हमला
राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि ज्ञानेश कुमार वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की सीआईडी ने 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र भेजे, लेकिन जवाब नहीं मिला। इन पत्रों में तीन अहम जानकारियां मांगी गई थीं—
- डेस्टिनेशन आईपी एड्रेस, जहां से फॉर्म भरे गए।
- डेस्टिनेशन डिवाइस पोर्ट, जहां से आवेदन दायर हुए।
- ओटीपी ट्रेल्स, क्योंकि आवेदन के समय ओटीपी मिलना ज़रूरी होता है।
- राहुल गांधी ने कहा कि यह स्पष्ट सबूत है और इसमें कोई भ्रम नहीं है।