चुनाव आयोग ने बताया कि राहुल गांधी के आरोप निराधार हैं। आयोग ने स्पष्ट किया कि बिना सुनवाई किसी भी मतदाता का नाम हटाया नहीं जा सकता। इसके जवाब में आयोग जल्द प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा।
जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए कि आयोग जानबूझकर मतदाताओं के नाम काट रहा है और विशेषकर दलित व ओबीसी वोटरों को निशाना बना रहा है। इस पर चुनाव आयोग ने अब प्रतिक्रिया दी है और सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर सभी आरोपों का जवाब देगा।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर लगाए गए सभी आरोप गलत और निराधार हैं। आयोग ने कहा कि किसी भी आम नागरिक की तरफ से ऑनलाइन वोट को हटाना या किसी का नाम काटना संभव नहीं है, जैसा राहुल गांधी ने दावा किया।
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आयोग ने यह भी बताया कि साल 2023 में अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के कुछ असफल प्रयास हुए थे, जिसकी जांच के लिए स्वयं आयोग ने केस दर्ज कराया था। अलंद क्षेत्र से 2018 में सुभाष गुट्टेदार (बीजेपी) और 2023 में बीआर पाटिल (कांग्रेस) विजयी रहे थे।
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने भी राहुल गांधी के आरोपों पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत काम कर रहा है और कोई नया या गलत काम नहीं कर रहा। उन्होंने यह भी कहा कि ओबीसी, एससी और एसटी वोटर बीजेपी-जेडीयू के संगठित वोटर हैं, और अपना ही वोट काटना संभव नहीं।
राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग जानबूझकर मतदाता सूची में बदलाव कर रहा है और उन्होंने इसको लेकर कुछ सबूत भी पेश किए थे।