जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मुंबई के चर्चित जया शेट्टी मर्डर केस में बड़ा फैसला सुनाते हुए गैंगस्टर छोटा राजन की सजा पर लगी रोक हटा दी। कोर्ट ने आदेश दिया कि अगर आरोपी अस्थायी जमानत या पैरोल पर है, तो उसे तुरंत सरेंडर करना होगा।
बॉम्बे हाईकोर्ट से उठे सवाल
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट से सवाल पूछा कि आखिर चार मामलों में दोषी ठहराए जाने के बावजूद छोटा राजन की सजा पर रोक क्यों लगाई गई।
क्या था जया शेट्टी मर्डर केस?
जया शेट्टी मुंबई के गामदेवी स्थित गोल्डन क्राउन होटल की मालिक थीं। साल 2001 में गैंगस्टर छोटा राजन ने फोन पर उनसे पैसों की मांग की थी, लेकिन उन्होंने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद राजन ने अपने गुर्गों से मुंबई के ग्रांट रोड इलाके में उन पर फायरिंग करवाई। इस हमले में जया शेट्टी की मौत हो गई।
खास बात यह रही कि धमकी मिलने के बाद मुंबई पुलिस ने जया शेट्टी को सुरक्षा दी थी, लेकिन हत्या से करीब दो महीने पहले उनके अनुरोध पर सुरक्षा हटा दी गई थी।
सीबीआई का सख्त विरोध
इस मामले में मुंबई की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने छोटा राजन को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी थी। सीबीआई ने इस फैसले का कड़ा विरोध करते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
71 केस में से 47 में सबूत नहीं
सुनवाई के दौरान छोटा राजन के वकील ने दलील दी कि उसके खिलाफ दर्ज 71 मामलों में से 47 केस ऐसे हैं जिनमें कोई सबूत नहीं मिला है। वकील ने कहा कि आरोपी को झूठे मामलों में फंसाया गया है।
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छोटा राजन की गिरफ्तारी और वर्तमान स्थिति
छोटा राजन को साल 2015 में इंडोनेशिया से गिरफ्तार किया गया था। तब से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने उसे जया शेट्टी मर्डर केस सहित कई मामलों में दोषी करार दिया था।