जुबिली न्यूज डेस्क
मुंबई: महाराष्ट्र में पहली बार बैंबू समिट (Bamboo Summit 2025) का आयोजन होने जा रहा है। यह दो दिवसीय सम्मेलन 18 और 19 सितंबर को मुंबई के यशवंतराव चव्हाण केंद्र में होगा। इस समिट के दौरान बांस से जुड़े उद्योगों को लेकर व्यापक चर्चा होगी और लगभग 20 हजार करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
महाराष्ट्र बना देश का पहला राज्य
इस समिट का आयोजन फीनिक्स फाउंडेशन (लोधगा, लातूर) और महाराष्ट्र सरकार के थिंक टैंक महाराष्ट्र इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (MITRA) द्वारा किया जा रहा है। महाराष्ट्र इस तरह का समिट आयोजित करने वाला देश का पहला राज्य है।
बैंबू उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
बैंबू से जुड़ी कई इंडस्ट्री जैसे—
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इथेनॉल और मेथनॉल
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पेलेट और चारकोल
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लकड़ी और फर्नीचर
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कपड़ों का उद्योग
इन सभी विषयों पर विशेषज्ञ, शोधकर्ता, किसान और नीति-निर्माता चर्चा करेंगे।
बांस: पर्यावरण के लिए वरदान
राज्य कृषि मूल्य आयोग के चेयरमैन पाशा पटेल ने कहा कि बांस को ‘कल्प वृक्ष’ माना जाता है। यह न केवल कार्बन सोखने और वनों की कटाई को रोकने में मददगार है, बल्कि बायोफ्यूल निर्माण में भी अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में देश-विदेश के विशेषज्ञ और वैज्ञानिक भी शामिल होंगे।
बड़े नेताओं की मौजूदगी
इस सम्मेलन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एकनाथ शिंदे भी हिस्सा लेंगे। पहले दिन शहरी फॉरेस्ट्री, ऑक्सीजन पार्क और ग्रीन बिल्डिंग जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
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20 हजार करोड़ रुपये के समझौते
दूसरे दिन उद्यमियों और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के बीच राउंडटेबल मीटिंग होगी। इसके बाद मुख्यमंत्री की मौजूदगी में 20 हजार करोड़ रुपये के MoU पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।