जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। सीट शेयरिंग फॉर्मूले को लेकर एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच अभी अंतिम सहमति नहीं बनी है। इसी बीच, शनिवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर में आयोजित एक जनसभा में बड़ा ऐलान किया।
तेजस्वी ने कहा कि आरजेडी राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि “हर जगह से तेजस्वी चुनाव लड़ेगा, आप मेरे चेहरे को देखकर वोट दीजिए।” इस बयान के बाद गठबंधन की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं।
नीतीश सरकार पर हमला
जनसभा के दौरान तेजस्वी यादव ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया और इस मौके पर राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार सिर्फ “नकल” करती है और उसके पास कोई स्पष्ट विजन नहीं है।
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तेजस्वी ने दावा किया कि बिहार में “हर दिन व्यापारियों का अपहरण और हत्या” हो रही है, भ्रष्टाचार थानों से लेकर मुख्यालय तक फैला हुआ है और गरीब जनता नीतीश सरकार के कुशासन से परेशान है।
महागठबंधन में मुश्किलें
तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे समय आया है जब महागठबंधन के अंदर सीट-बंटवारे को लेकर पहले से ही पेचीदा बातचीत चल रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (हेमंत सोरेन) और लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति पारस) जैसे दलों के शामिल होने से समीकरण और जटिल हो गए हैं।
पिछली बार क्या हुआ था?
2020 विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 75 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को 70 सीटें मिली थीं, जिनमें से 19 पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने हाल ही में कहा कि गठबंधन में नई पार्टियों के आने पर सभी दलों को अपने हिस्से से सीटें छोड़नी होंगी।
बीजेपी का पलटवार
तेजस्वी यादव के बयान पर बीजेपी ने भी प्रतिक्रिया दी। पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा- “ख्वाब देखना बंद करें तेजस्वी यादव। आपके पास अकेले 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की ताकत नहीं है। ऐसे बयान आप सिर्फ अपने सहयोगियों पर दबाव बनाने के लिए दे रहे हैं। जनता आपको चारा घोटाले और लैंड फॉर जॉब स्कैम से जोड़ती है। लोग नीतिश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर ही एनडीए को वोट देंगे।”
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