जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और एनडीए सहयोगी डॉ. संजय निषाद के नाराज़गी भरे सुर अब खुलकर सामने आ रहे हैं। दिल्ली में आयोजित अधिवेशन के बाद से उनकी नाराज़गी की अटकलें तेज हैं। वाराणसी पहुंचे संजय निषाद ने एक तरफ एबीवीपी और सुभासपा के बीच छिड़ी सियासी जंग पर प्रतिक्रिया दी, तो वहीं दूसरी तरफ निषाद समाज के हक और अधिकारों को लेकर बड़ा बयान दिया।
“रानी के पेट से राजा ही पैदा नहीं होता” – संजय निषाद
एबीपी न्यूज़ से बातचीत में डॉ. संजय निषाद ने कहा कि नाराज़गी की बात नहीं है, बल्कि हमने अपनी बात रखी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी में कुछ नेता जो दूसरे दलों से आए हैं, वे निषाद समाज की बढ़ती ताकत नहीं देख सकते।उन्होंने कहा-“पहले नोट के आधार पर वोट ले लेते थे, अब वोट पर बात होती है। लोकतंत्र में वोट की ताकत है, रानी के पेट से राजा ही पैदा नहीं होता।”
“फिशरमैन समाज का पॉलिटिकल गॉडफादर हूं”
कैबिनेट मंत्री ने खुद को फिशरमैन समाज का पॉलिटिकल गॉडफादर बताया। उन्होंने कहा-“वॉशरमैन के पॉलिटिकल गॉडफादर कांशीराम हैं, मिल्कमैन के मुलायम सिंह यादव हैं, तो हम फिशरमैन समाज के पॉलिटिकल गॉडफादर बनना चाहते हैं।”उन्होंने कहा कि संविधान में निषाद समाज के लिए ठोस व्यवस्था तय करने की उनकी प्राथमिकता है, ताकि समाज का हक और अधिकार कभी छीना न जा सके।
“बीजेपी चाहे तो निषाद समाज का मुख्यमंत्री बना सकती है”
जब उनसे पूछा गया कि उनके समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में क्यों देखते हैं, तो संजय निषाद ने जवाब दिया-
“यह निषाद समाज की भावनाएं हैं। अगर एक चायवाला प्रधानमंत्री बन सकता है, एक पीठाधीश्वर मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो बीजेपी आने वाले समय में निषाद राज के वंशज को भी मुख्यमंत्री बना सकती है। जिस तरह भगवान राम ने त्रेता युग में निषाद राज को गले लगाया था, उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी ने हमारा सम्मान किया है।”
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एबीवीपी-सुभासपा विवाद और लाठीचार्ज पर बोले संजय निषाद
ओमप्रकाश राजभर के बयान के बाद एबीवीपी और सुभासपा में छिड़े विवाद पर भी संजय निषाद ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा-“हमारे सहयोगी मंत्री ओमप्रकाश राजभर हमेशा फ्री शिक्षा और मुफ्त इलाज की बात करते हैं। ऐसे में इस समय मुद्दा यह होना चाहिए कि छात्रों पर लाठीचार्ज का आदेश किसने दिया।”