जुबिली न्यूज डेस्क
नेपाल सरकार ने गुरुवार से देश में बिना रजिस्ट्रेशन वाले सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को बंद करने का फ़ैसला लागू कर दिया है। इस फैसले के बाद फेसबुक, इंस्टाग्राम, मैसेंजर, व्हाट्सऐप और यूट्यूब जैसे कई बड़े ऐप्स के काम न करने की शिकायतें यूज़र्स कर रहे हैं।
सरकार ने दी थी सात दिन की समय-सीमा
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक़, सोशल मीडिया कंपनियों को 28 अगस्त से सात दिनों की समय-सीमा दी गई थी। इस दौरान उन्हें मंत्रालय में अनिवार्य रजिस्ट्रेशन कराना था। लेकिन बुधवार रात तक समय-सीमा समाप्त होने के बावजूद मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप), यूट्यूब, एक्स, रेडिट और लिंक्डइन जैसी कंपनियों ने आवेदन जमा नहीं किया।
लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
बीबीसी नेपाली की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ यूज़र्स ने गुरुवार रात से ही ऐप्स के बंद होने की शिकायत की, वहीं कई लोगों का कहना है कि शुक्रवार सुबह तक उन्हें किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा।
इस फैसले पर जनता की प्रतिक्रिया भी बंटी हुई है।
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सरकार के आलोचकों का कहना है कि यह कदम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है।
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जबकि समर्थकों का तर्क है कि नेपाल में काम करने वाली सभी कंपनियों को स्थानीय कानून का पालन करना चाहिए।
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बड़ा झटका सोशल मीडिया यूज़र्स को
नेपाल में लाखों लोग सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर एक्टिव हैं। ऐसे में इन सेवाओं का बंद होना संचार, बिज़नेस और डिजिटल कनेक्टिविटी पर बड़ा असर डाल सकता है।