जुबिली स्पेशल डेस्क
पंजाब इस वक्त भीषण बाढ़ संकट से जूझ रहा है। राज्य के 23 जिलों के 1,900 से ज्यादा गांव पानी में डूब गए हैं। अब तक 43 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 3.84 लाख से अधिक लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने राहत कार्य के तहत करीब 21 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
जान-माल और फसलों को भारी नुकसान
राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने बताया कि बाढ़ से 1.71 लाख हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि पर खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। सबसे अधिक नुकसान गुरदासपुर, अमृतसर, फाजिल्का, फिरोजपुर, कपूरथला और मानसा जिलों में हुआ है। मृतकों की संख्या में होशियारपुर (7), पठानकोट (6), अमृतसर और बरनाला (5-5) सबसे आगे हैं।
केंद्र सरकार से मदद की अपील
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के हालात पर चिंता जताई और केंद्र से तुरंत मदद की मांग की। उन्होंने कहा, “भारत जब अफगानिस्तान या अन्य देशों की मदद कर सकता है, तो अपने ही राज्य पंजाब को इस संकट से उबारने के लिए भी सहयोग देना चाहिए।”
केंद्रीय टीमों का दौरा
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार हर संभव सहायता करेगी। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने भी उन्हें नुकसान का विस्तृत ब्योरा सौंपा।
राज्य सरकार की तैयारी
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घोषणा की कि प्रत्येक प्रभावित गांव में एक गजटेड अधिकारी तैनात रहेगा, जिससे समस्याओं का तुरंत समाधान हो सके। साथ ही नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी भी शुरू कर दी गई है।
नदियों और बांध का जलस्तर बढ़ा
भाखड़ा बांध से 85,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद सतलुज और घग्गर नदी के किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
भारी बारिश और हिमाचल- जम्मू-कश्मीर से आए बाढ़ के पानी ने पंजाब को दशकों की सबसे गंभीर आपदाओं में से एक की स्थिति में ला खड़ा किया है।