जुबिली स्पेशल डेस्क
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के ताज़ा फरमान ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। तालिबान ने आदेश जारी कर कहा है कि महिलाएं अपने सरकारी दस्तावेज़ों से तत्काल फोटो हटाएं। इस फरमान का सबसे ज़्यादा असर उन महिलाओं पर पड़ेगा, जो विदेश यात्रा करना चाहती हैं।
लेकिन इसी बीच तालिबान के बड़े अफसरों की पत्नियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। पूर्व अमेरिकी सीआईए एजेंट सारा एडम्स ने इन तस्वीरों को जारी किया और दावा किया कि तालिबान का कानून सिर्फ आम महिलाओं के लिए है, जबकि अफसरों के परिवार खुलेआम इसका उल्लंघन कर रहे हैं।
सारा के अनुसार, पाकिस्तान में अफगान राजदूत की पत्नी ने अपने पासपोर्ट में मेकअप वाली फोटो लगवाई है। यह तब है, जब तालिबान ने देश में ब्यूटी पार्लर चलाने तक पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसी तरह, अन्य 8 बड़े अफसरों की पत्नियों के नाम और विवरण भी उजागर किए गए हैं।
इनमें कस्मत बीवी (पेशावर स्थित राजनयिक की पत्नी), नजिबा सलीम (ईरान में अफगान राजदूत की पत्नी), और फरीदा अमीन (बेसिक में तैनात अफसर की पत्नी) शामिल हैं।
इन खुलासों के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या तालिबान का “इस्लामिक कानून” केवल आम अफगान महिलाओं पर ही लागू होता है?
गौरतलब है कि तालिबान महिलाओं की शिक्षा, नौकरी और स्वतंत्रता पर लगातार पाबंदी लगाता रहा है। लड़कियों को वैज्ञानिक शिक्षा से वंचित रखा गया है और उन्हें अकेले बाहर जाने की भी इजाज़त नहीं है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अफसरों की पत्नियों की वायरल तस्वीरों ने तालिबान प्रशासन की कथनी और करनी के बीच का बड़ा अंतर उजागर कर दिया है।
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