Thursday - 14 August 2025 - 11:40 AM

आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई, आदेश सुरक्षित

जुबिली स्पेशल डेस्क

नई दिल्ली. आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर शेल्टर होम्स में रखने के सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है।

कुछ लोग इस फैसले के समर्थन में हैं तो कुछ इसका विरोध कर रहे हैं। बुधवार को इस मामले पर फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने अपने तर्क रखे। अदालत ने फिलहाल आदेश सुरक्षित रख लिया है।

सरकार का पक्ष: पीड़ितों की संख्या अधिक

सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि आवारा कुत्तों के काटने के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।

  • 2024 के आंकड़े: 37 लाख डॉग बाइट केस दर्ज

  • मौतें: रेबीज से 305 मौतें (WHO के मुताबिक असली संख्या और अधिक हो सकती है)

  • चिंता: बच्चे खुले में खेलने से डरते हैं, कई जगह कुत्ते खेलते बच्चों को शिकार बना लेते हैं।

  • SG ने कहा कि नसबंदी और टीकाकरण के बावजूद रेबीज नहीं रुक रहा है और बहुमत उनका है जो इन हमलों से पीड़ित हैं।

  • उनका कहना था कि “कोई जानवरों से नफरत नहीं करता, लेकिन सभी घरों में उन्हें रखना संभव नहीं है।”

वकीलों का विरोध: आदेश जल्दबाज़ी में

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बिना नोटिस स्वत: संज्ञान लेकर ऐसा आदेश उचित नहीं है।उनका कहना था कि शेल्टर पर्याप्त संख्या में मौजूद नहीं हैं, और जहां हैं भी, वहां जगह की कमी से कुत्ते और खतरनाक हो सकते हैं। उन्होंने आदेश पर रोक लगाने की मांग की।

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा: केंद्र और राज्य सरकारों के पास इतनी ढांचागत क्षमता नहीं है कि इतने बड़े पैमाने पर कुत्तों को शेल्टर में रखा जा सके। संसद में दिए गए जवाब के अनुसार रेबीज से मौत का डर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।


कोर्ट की टिप्पणी

  • जस्टिस नाथ ने दिल्ली सरकार से पूछा कि नियम लागू करने को लेकर उनका क्या स्टैंड है।

  • अदालत ने कहा कि नगर निगम की निष्क्रियता के कारण हालात बिगड़ रहे हैं और स्थानीय अधिकारियों को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

  • जस्टिस नाथ ने कहा, “हम अभी अंतिम आदेश नहीं देंगे, अंतरिम आदेश पर विचार करेंगे।”

सुप्रीम कोर्ट ने पहले आदेश दिया था कि दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए और शेल्टर बनाए जाएं, जिसकी रिपोर्ट दो माह में दी जाए। इसी आदेश को लेकर देशभर में विरोध और समर्थन दोनों सामने आ रहे हैं।

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