जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के बीच मंगलवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया छह पैसे टूटकर 87.69 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हस्तक्षेप से गिरावट सीमित रही।
रुपये में गिरावट क्यों आई?
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 87.63 पर खुला और शुरुआती सत्र में 87.69 के निचले स्तर तक गया। यह सोमवार के बंद भाव (87.63) से छह पैसे कमजोर है।
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सोमवार को रुपया 12 पैसे मजबूत हुआ था।
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विदेशी मुद्रा कारोबारियों के मुताबिक, रुपये में ज्यादा गिरावट न हो, इसके लिए RBI सक्रिय रूप से हस्तक्षेप कर रहा है।
डॉलर इंडेक्स और ग्लोबल सेंटिमेंट
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति बताने वाला डॉलर इंडेक्स 0.08% गिरकर 98.01 पर आ गया।डॉलर की कमजोरी के बावजूद भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर से ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे रुपये पर दबाव है।
FII की निकासी बनी बड़ी वजह
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने मंगलवार को 3,398.80 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। यह लगातार निकासी रुपये को कमजोर कर रही है।
शेयर बाजार में तेजी का माहौल
घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार को तेजी देखने को मिली।
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बीएसई सेंसेक्स: 327.79 अंक बढ़कर 80,563.38 पर बंद।
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एनएसई निफ्टी-50: 112.15 अंक की बढ़त के साथ 24,599.55 पर पहुंचा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.09% बढ़कर 66.18 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
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विशेषज्ञों की राय: रुपये पर आगे क्या असर?
मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट (जिंस एवं मुद्रा) अनुज चौधरी के मुताबिक:
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“भारत-अमेरिका टैरिफ वॉर और FII की लगातार निकासी से रुपया दबाव में रह सकता है।
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हालांकि, **अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और कच्चे तेल की घटती कीमतें रुपये को निचले स्तर पर सपोर्ट कर सकती हैं।”